मुख्यमंत्री साय ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात: नक्सलवाद के अंत और बस्तर के विकास पर हुई चर्चा

 छत्तीसगढ़ का बस्तर अब नक्सलवाद के अंतिम चरण में पहुंच गया है। सरकार की कड़ी नीतियों और सुरक्षा बलों की रणनीति से क्षेत्र में शांति स्थापित हो रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में नक्सलवाद के समूल अंत और बस्तर के तेजी से विकास पर चर्चा हुई।

आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले CM विष्णुदेव साय, नई पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति की सफलता से कराया अवगत, कहा – बस्तर के विकास को मिल रही नई दिशा

मुख्यमंत्री साय ने बैठक में बताया कि नक्सलवाद अब कमजोर पड़ चुका है। राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त रणनीति से नक्सली संगठनों की ताकत खत्म हो रही है।

 

 

सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 से बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। हाल ही में बीजापुर जिले में 9 इनामी नक्सलियों समेत 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दे रही है।

बस्तर में तेजी से बढ़ रहे विकास कार्य

सरकार बस्तर में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर रही है। युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और रोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि बस्तर संघर्ष की भूमि की बजाय विकास का नया केंद्र बने।

बस्तर को पर्यटन और आर्थिक केंद्र बनाने की योजना

बैठक में बस्तर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर भी विचार हुआ। बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की योजना बनाई जा रही है।

सरकार क्षेत्र में पर्यटकों के लिए इको-टूरिज्म, जंगल सफारी और साहसिक खेलों को बढ़ावा दे रही है। इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

आने वाले समय में और बड़े फैसले संभव

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज हो रही है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित हो सके। आने वाले समय में बस्तर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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