
जीवन मूल्य, शिक्षा और पर्यटन पर प्रेरक संवाद
नवा रायपुर स्थित अपने सरकारी आवास में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने आज रयान इंटरनेशनल स्कूल, रायपुर के विद्यार्थियों से आत्मीय भेंट की। यह मुलाकात औपचारिकता से कहीं अधिक रही—यह बच्चों और मंत्री के बीच जीवन के मूल्यों, लक्ष्य, संघर्ष, शिक्षा की भूमिका और छत्तीसगढ़ के पर्यटन पर सार्थक व प्रेरक संवाद का अवसर बन गई।
बच्चों ने मंत्री श्री अग्रवाल की बातों को पूरे मनोयोग से सुना और इसे अपने भविष्य के लिए उपयोगी मार्गदर्शन बताया।
मंत्री का संदेश: लक्ष्य स्पष्ट हो और अनुशासन जीवन में शामिल
छात्रों को प्रेरित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि सफलता के लिए स्पष्ट लक्ष्य और अनुशासन जरूरी है। उन्होंने कहा—
“हर छात्र को अपने अंदर स्वच्छता, संस्कार और अनुशासन का बीज बोना चाहिए। लक्ष्य जितना स्पष्ट होगा, दिशा उतनी ही सही मिलेगी। कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन उनमें छिपे अवसरों को पहचानना ही असली सफलता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अंक लाना नहीं, बल्कि मजबूत चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण है।
राजनीति में आने की प्रेरणा पर बोले मंत्री
एक छात्र के सवाल पर कि उन्हें राजनीति में आने की प्रेरणा कहाँ से मिली, श्री अग्रवाल ने उत्तर दिया—
“मेरे पिताजी मेरे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत रहे हैं। बचपन से उन्हें लोगों की मदद करते देखता था। उसी से मन में समाज सेवा की भावना पनपी। मेरे लिए राजनीति सत्ता नहीं, सेवा का रास्ता है।”
छत्तीसगढ़ के पर्यटन पर चर्चा
छात्रों ने राज्य के पर्यटन की संभावनाओं पर भी सवाल किए। इस पर मंत्री ने कहा—
“छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सुंदरता, जलप्रपातों, गुफाओं, पुरातात्विक स्थलों और समृद्ध आदिवासी संस्कृति से भरा हुआ प्रदेश है। पर्यटन को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हम तेजी से कार्य कर रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी अपने राज्य पर अधिक गर्व महसूस कर सके।”
शिक्षा को समझकर पढ़ने की सलाह
मंत्री ने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि पढ़ाई केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन की दिशा तय करने के लिए होती है। उन्होंने कहा—
“हर विषय को रटने के बजाय समझकर पढ़ें। सवाल पूछने में कभी हिचकें नहीं। कठिन समय में समाधान की तलाश ही आपको आगे बढ़ाती है।”














