बिंदुवार आपत्ति प्रस्तुत है :-
रायगढ़ : मिली जानकारी के अनुसार अदानी पावर क्षेत्र के प्रभावित किसान और जिले के समाजसेवीयों पिछले दिनों पर्यावरण विभाग अधिकारी से मिलकर जनसुनवाई का विरोध जताते हुए कहां की अगर कंपनी विस्तार करना चाहती है तो करे लेकिन दिए अपने EIA रिपोर्ट के अनुसार कार्य करगे इसका एक हलपनामा कंपनी के सक्षम अधिकारी के द्वारा दिया जाए तभी विश्वास होगा नहीं तो कंपनी के कथनी और करनी में अंतर रहता है वही खबर यह भी मिल रही है कि आपकी आवाज में प्रकाशित समाचार को लेकर बिंदवार रूप से आपत्ति जताई है
बिंदुवार आपत्ति प्रस्तुत है :-
1. परियोजना के विस्तार के लिए 879 एकड़ भूमि क्षेत्र है यह बताया गया है जो पूर्णत गलत है, क्योंकी 600 मेगावाट इकाई में कितनी भूमि का उपयोग किया जा चूका है और कितना शेष है उसका उल्लेख नहीं है ,01 मेगावाट के लिए 0.80 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है उसके हिसाब से 480 एकड़ भूमि का कंपनी ने उपयोग कर लिया है और कंपनी के पास कुल 1100 एकड़ भूमि है और 620 एकड़ भूमि शेष है। EIA के रिपोर्ट में गलत तथ्यों का उल्लेख है।
2. ग्रीन बेल्ट में मौजूदा क्षेत्रफल 167 एकड़ बताया गया है और जिसमे 02 लाख 67 हजार पेड़ ( कॉमिशनिंग के बाद ) और 20026 पेड़ 31 मार्च 2023 तक वृक्षारोपण में लगाए गए है ,इस प्रकार अभी तक 02 लाख 87 हजार 26 पेड़ लगाए गए है , जो पूर्णत गलत है ,क्यों इतने पेड़ लगाने के लिए कम से कम 1600 एकड़ भूमि चाहिए और कंपनी के पास इतना भूमि उपलब्ध ही नहीं है, इस प्रकार से फर्जी डाटा प्रस्तुत किया गया है।
3. ग्रीन बेल्ट को 123 एकड़ भूमि पर हरित पट्टी और वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव है , इस प्रकार से EIA रिपोर्ट में कुल 167+123 =290 एकड़ भूमि में ग्रीन बेल्ट का प्रस्ताव दिया गया है ,जो पूर्णतः गलत है क्योकि 290 एकड़ भूमि में वृक्षारोपण करने पर कुल प्रस्तावित 879 एकड़ भूमि में से 290 घटाने पर 589 एकड़ भूमि बचता है जिसमे BTG एरिया और कूलिंग टावर एवं रिजर्व वायर ,एस डाईक के जगह नहीं है |
4. वर्तमान में अडानी पावर के 600 मेगावाट के लिए कुल कितनी भूमि है और कितनी भूमि का उपयोग किया जा चूका है, शेष कितनी भूमि बची है, इसका EIA रिपोर्ट में उल्लेख नहीं है, जो डाटा को छुपा के गलत रिपोर्ट बताया गया है।
5.अडानी पावर कंपनी ने कुल भूमि का विवरण नहीं दिया है कितने भूमि भू-अर्जन से उद्योग विभाग के माध्यम CSIDC रायपुर से लीज डीड से प्राप्त है, की नहीं क्योकि सुचना के अधिकार से यह जानकारी प्राप्त हुआ है, की CSIDC रायपुर से अडानी कंपनी के साथ कोई लीज डीड का निष्पादन नहीं हुआ है अर्थात चारो ग्राम-बड़े भंडार ,छोटे भंडार ,सरवानी और अमलीभौना के भूमि में अडानी पावर कंपनी का अवैध कब्ज़ा है।
6. इसी प्रकार से अडानी पावर लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्लांट के अंदर लगभग 7 एकड़ शासकीय आम -निस्तार ( तालाब ,सड़क एवं नाला ) की भूमि को अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है ,ग्राम-सरवानी के खसरा न. 459 ,463,465,467,472,522,524,536/6,557 ,563,484,449/1 रकबा क्रमशः 0.368 ,0.271 ,0.263 ,0.146 ,0.182 ,0.081 ,0.202 ,0.105 ,0.174 ,0.182,0.498 ,0.138 हेक्ट., ग्राम- बड़े भंडार के खसरा न. 54/4 रकबा क्रमशः 0,045 हेक्ट ग्राम-छोटे भंडार के खसरा न. 2/1 रकबा क्रमशः 0.227 हेक्ट कुल रकबा 2.882 हेक्ट ( 7.11 एकड़ ) शासकीय भूमि जो आम निस्तार ( नाला ,तालाब एवं सड़क मद में दर्ज ) भूमि पर अडानी पावर लिमिटेड- छोटे भंडार के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा पाया गया है ,किसके आदेश से उक्त भूमि पर कब्ज़ा किया गया है, आदेश की कॉपी बताये। इसका EIA रिपोर्ट में उल्लेख ही नहीं है। कारण बताये।
7. इसी प्रकार से अडानी कंपनी के द्वारा एक आदिवासी महिला के ग्राम-बड़े भंडार स्थित भूमि खसरा न. 202/4 रकबा 0.21 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया है , किसके आदेश से कब्ज़ा किया गया है ,आदेश की कॉपी दिखाए और EIA रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं है, कारण बताये।
8. अडानी कंपनी के विस्तार होने पर प्लांट के ग्रीन बेल्ट में लगे कितने पेड़ पौधे प्रभावित होंगे कितने पेड़ -पौधे को कटा जायेगा और वे पेड़ कौन से प्रजाति के है। ,इसका EIA रिपोर्ट में उल्लेख नहीं है।
9. अडानी कंपनी के द्वारा पूर्व में ग्राम-पंचायत टैक्स कितना जमा किया गया है और विस्तार होने पर कितना टैक्स जमा किया जायेगा ,साथ ही CSR काम को छोड़ कर अभी तक के ग्राम-पंचायत में जमा किये गए टैक्स की जानकारी का उल्लेख नहीं है इसका कारण सहित उत्तर देवे।
10.EIA रिपोर्ट में लैंड का Utillization में Sr. No.-C में other Facility -ii (Misc Facility -प्लांट रोड /premises road ,Misc Building ) में जो चाही गई लैंड की आवश्यकता फेज -I और फेज -II के क्रमशः 18 एकड़ और 12 एकड़ बताया गया है जोड़कर 100 एकड़ बताया गया है व रिपोर्ट पूर्णतः गलत है। EIA में प्रस्तुत लैंड डाटा गलत है। इसका कारण सहित उत्तर देवे।
11. अडानी के EIA रिपोर्ट में लैंड के बारे विवरण नहीं दिया गया है की कितनी शासकीय भूमि जो लीज डीड या आबंटन से प्राप्त है और निजी भूमि जो सीधे क्रय किये गए है और भू-अर्जन से कितने प्राप्त है और कितने शासकीय भूमि और निजी भूमि में अवैध कब्ज़ा है। किसके आदेश से कब्ज़ा किया गया है ,आदेश की कॉपी दिखाए और EIA रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं है, कारण बताये।
12. अडानी कंपनी के जो रायगढ़ -चंद्रपुर राष्ट्रीय राज मार्ग से लगा हुआ है तो क्या NHAI से कंपनी को राष्ट्रीय राज्य मार्ग से जोड़ने (अप्रोच रोड ) की अनुमति मिली है ,की नहीं उसका उल्लेख नहीं किया गया है ,यदि मिली है तो अनुमति की कॉपी दिखाए।
13. अडानी कंपनी के द्वारा विस्तार के लिए 879 भूमि का उपयोग किया जायेगा जिसमे कितने भूमि-स्वामी प्रभावित हुए है और उनको पुनर्वास से क्या -क्या लाभ दिए गए और जिन्हे नहीं दिए गए है उनकी संख्या के साथ उन्हें दिए जाने वाले पुनर्वास के बारे में बताये।
14. आपके द्वारा प्लांट से निकले राखड़ को ACC सीमेंट बिलासपुर और AMBUJA सीमेंट बलौदा बाजार को सीमेंट निर्माण में दिया जायेगा जो समझ से परे है, क्योकि इनकी दुरी अडानी प्लांट बड़े भंडार से 120 किमी से 220 किमी तक की है , राखड़ को सड़क मार्ग से ले जाने पर रोड के साथ साथ, आस- पास एरिया भी प्रदूषित होगा और फ्लाई इस निपटारा के लिए जो राखड़ डेम है उसका एरिया कम है जो जल्दी भर जायेगा। EIA रिपोर्ट पूर्णतः गलत है।
15. रेलवे लाइन हेतु भूपदेवपुर से डोंगाढकेल से मुरारीपाली और उच्च भिट्टी से गोर्रा से कोतमरा से प्लांट और किरोड़ीमल नगर से मुरारीपाली से गोर्रा से प्लांट तक रेलवे लाइन बिछाया जायेगा जिसमे शासन से प्रस्तावित सैद्धांतिक सहमति जो रेलवे लाइन के लिए प्राप्त है उसमे पुनर्वास का पूर्णतः पालन किया जायेगा किसी गांव को नहीं छोड़ा जायेगा। इसे EIA रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है |
16. प्लांट के विस्तार में बड़े -बड़े हैवी गाड़ी आएँगी जिनको खड़ा करने एवं व्यस्थित करने का जगह का विवरण नहीं दिया गया है ,साथ जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग में ट्रैफिक एवं दुर्घटना की पूर्ण संभावनाएं है, जिसकी पूर्ण जवाबदारी अडानी कंपनी की होगी। इसे EIA रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है
17. पुरे EIA रिपोर्ट के समर्थन में अडानी पावर कंपनी के सक्षम अधिकारी या गौतम अडानी से शपथ पत्र या हलफनामा लिया जाये की EIA रिपोर्ट पूर्णतः सही है और उसका पूर्णतः पालन किया जायेगा, नहीं करने की स्थिति में उनके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही या एफ.आई.आर. किया जा सकता है।
18. जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग से निवेदन है की अडानी कंपनी के प्लांट विस्तार के EIA रिपोर्ट में कई खामिया है उसे निरस्त किया जाये और यदि नहीं किया जाता है तो अडानी पावर कंपनी के सक्षम अधिकारी से शपथ पत्र या हलफनामा लिया जाये की EIA रिपोर्ट पूर्णतः सही है और उसका पूर्णतः पालन किया जायेगा, नहीं करने की स्थिति में उनके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही किया जा सकता है।
अडानी कंपनी प्लांट विस्तार के लिए झूठा EIA रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है बाद में अडानी कंपनी के द्वारा इसका पालन नहीं किया जायेगा और आस-पास के एरिया पूर्णत प्रदूषित हो जायेगा ,अडानी कंपनी के द्वारा किये गया वादा को पालन कराने में जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग के पसीने छूट जायेंगे इस कारण से अडानी पावर कंपनी के सक्षम अधिकारी से शपथ पत्र या हलफनामा लिया जाये की EIA रिपोर्ट पूर्णतः सही है और उसका पूर्णतः पालन किया जायेगा, नहीं करने की स्थिति में उनके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही किया जा सकता है।
इन आपत्तियों के साथ जनसुनवाई को निरस्त किया जाये।