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जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद: शहर में तीन, ग्रामीण में दो दावेदारों के बीच सिमटी रेस

रायगढ़। जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों से लेकर चाय की दुकानों और सोशल मीडिया तक दावेदारों के नामों की चर्चा हो रही है। शहर अध्यक्ष की दौड़ में जहां दर्जनों नाम सामने आ रहे हैं, वहीं मुख्य रूप से तीन प्रमुख दावेदारों* के इर्द-गिर्द चर्चा सीमित हो गई है। दूसरी ओर, ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए *दो नामों* पर फोकस है।

शहर अध्यक्ष पद की रेस में तीन प्रमुख नाम

1. राकेश पांडे
एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव राकेश पांडे का नाम शहर अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदारों में है। पांडे अपनी सशक्त नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। प्रदेश से लेकर दिल्ली तक उनकी पहचान है। धरना-प्रदर्शन और आंदोलन में उनकी भागीदारी पार्टी के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। उनके समर्थक उन्हें कांग्रेस का सच्चा सिपाही मानते हैं। यदि उन्हें अध्यक्ष बनाया जाता है, तो युवा कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार कांग्रेस को मिलेगा।

2. शाखा यादव
नगर अध्यक्ष के रूप में लंबे समय से सक्रिय शाखा यादव भी एक मजबूत दावेदार हैं। पार्षद के रूप में उन्होंने और उनकी पत्नी ने चुनावी सफलता हासिल की है। शहर कांग्रेस में उनकी पकड़ मजबूत है। हालांकि, पार्टी के एक धड़े में उनके खिलाफ नाराजगी भी है।

3. अरुण गुप्ता
पूर्व मंत्री के.के. गुप्ता के पुत्र अरुण गुप्ता को राजनीति विरासत में मिली है। उन्होंने जिला कांग्रेस के हर छोटे-बड़े कार्य में अपनी सक्रिय भागीदारी से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके अध्यक्ष बनने पर पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने और नई टीम को तैयार करने की संभावना है। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि अध्यक्ष बनने के बाद जिला कांग्रेस का संचालन उनके निवास स्थान “गाड़ी चौक” से ही होगा।

ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए दो दावेदारों में मुकाबला

1. विकास शर्मा
विकास शर्मा, जो लंबे समय से जिला प्रभारी महामंत्री हैं, ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। उन्होंने पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष अरुण मालाकार के साथ मिलकर काम किया है और चार में से तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी लोकप्रियता और कार्यकर्ताओं से तालमेल कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

2. नरेंद्र नेगी
नरेंद्र नेगी का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। वे पहले भी जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा सरकार के दौरान विपक्ष की भूमिका निभाने में सक्षम रहे हैं। उनके कार्यकाल में बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किए गए, जो उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

अंतिम फैसला प्रदेश नेतृत्व पर निर्भर
ग्रामीण अध्यक्ष पद पर फैसला मुख्य रूप से खरसिया विधायक उमेश पटेल और प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। जबकि शहर अध्यक्ष पद के लिए अंतिम निर्णय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के परामर्श से होगा।

निष्कर्ष
शहर और ग्रामीण अध्यक्ष पद की दौड़ में नामों की चर्चा ने कांग्रेस के भीतर नई ऊर्जा भर दी है। जहां शहर अध्यक्ष की कुर्सी पर युवा और अनुभवी नेताओं के बीच मुकाबला है, वहीं ग्रामीण अध्यक्ष पद की दौड़ अपेक्षाकृत शांत और सीधे निर्णय की ओर बढ़ती दिख रही है। कांग्रेस की यह अंदरूनी कवायद पार्टी को आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करने में सहायक होगी।

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