गुड़ी पड़वा के साथ कल मनाया जाएगा तेलुगु नववर्ष, जानिए क्या है महत्व

उगादी या युगडी एक तेलुगु नव वर्ष है और तेलुगु राज्य के लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस वर्ष उगादी 13 अप्रैल को मनाई जाती है। उगादी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। उगादी को नए साल की शुरुआत और नए जीवन के रूप में मनाया जाएगा। उगादी 2021 तेलुगु शाका संवत 1943 की शुरुआत पड़ोसी महाराष्ट्र में हुए पंचांग के अनुसार उगादी को गुडी पड़वा या मराठी नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब उग्र चूर्ण महामारी के बीच भारतीय नए वर्षों की मेजबानी चिह्नित की जा रही है।

उत्सव की तारीख और तिथी के बारे में बात करे तो उगादी वह पर्व है जो चैत्र के शुक्ल पक्ष या पूर्णिमा चरण के पहले दिन चिह्नित किया गया है। उगादी प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शुरू हो रही है। उगादी प्रतिपदा तिथि 13 अप्रैल को सुबह 10:16 बजे समाप्त हो रही है। इसके उत्सव के लिए उगादी का महत्व महत्वपूर्ण है। उगादी उत्सव दिन की शुरुआत तेल स्नान की रस्म के साथ करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। उगादी उत्सव दिन शुरू करने से पहले खाने के लिए नीम के पत्तों का सेवन करने के साथ शुरू होता है। लोग मंदिर में जाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं लेकिन महामारी के कारण इस साल लोग घर में पूजा करते हैं। लोग हल्दी चावल (अक्षत) और चमेली के फूलों से ब्रह्मा के मंत्रों का जाप करते हैं।

यहां उगादी में विशेष महत्व पीले फूलों और रंगोली के लिए है जिसे मुगुलु के नाम से जाना जाता है। इसलिए उगादी से पहले घरों की साफ-सफाई कर ताजे फूलों और रंगोली से सजाया जाता है। आम के पत्तों को एक माला की तरह एक साथ बांधकर सामने के दरवाजे पर बांधा जाता है। यह सुख, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में किया जाता है। इस दिन स्वाद में मीठा, खट्टा, कड़वा, पचड़ी विशेष तरीके से परोसा जाता है।

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