Eid al-Adha 2022: देश में आज मनाई जा रही बकरीद, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मुबारकबाद

Eid al-Adha 2022: ईद-उल-अजहा यानी बकरीद आज देश भर में मनाई जायेगी. देश भर में सुबह अलग-अलग समय पर नमाज़ अदा दी जाएगी. दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज़ सुबह 6 बजे अदा होगी. वहीं, फतेहपुरी मस्जिद में 7:15 बजे और पार्लियामेंट स्थित मस्जिद में 8 बजे अदा होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर शनिवार को देश के नागरिकों को बधाई दी और सभी लोगों से मानव सेवा के लिए खुद को समर्पित करने तथा राष्ट्र की समृद्धि एवं विकास के लिए काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ईद-उल-अजहा कुर्बानी और मानवता की सेवा का प्रतीक है.

रामनाथ कोविंद ने कहा- ‘‘यह त्योहार हमें हजरत इब्राहिम द्वारा दिखाए गए आत्म-बलिदान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. आइए, हम इस अवसर पर मानव जाति की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने और राष्ट्र की समृद्धि एवं विकास के लिए काम करने का संकल्प लें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ईद-उल-अजहा के अवसर पर, मैं अपने सभी देशवासियों, विशेषकर हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को मुबारकबाद देता हूं.

ईद के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा, पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला कुर्बानी का त्यौहार ‘ईद-उल-अजहा’ ईश्वर के प्रति परम भक्ति का प्रतीक है. यह लोगों को अपनी भावनाओं को साझा करने एवं एक दूसरे का ध्यान रखने तथा जरूरतमंद एवं गरीब लागों के प्रति संवेदना प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है. उप राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि यह त्यौहार समाज में एकता और भाईचारे की भावना को सुदृढ़ करेगा और लोग एक दूसरे के और करीब आएंगे. वहीं मैं कामना करता हूँ कि ईद-उल-जुहा से जुड़े उत्कृष्ट आदर्शों से हमारे जीवन में शांति और सद्भाव बढ़ेगा तथा हमारे देश में समृद्धि आएगी.

इस तरह मनाते हैं बकरीद
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक हर साल दो बार ईद मनाई जाती है. एक ईद उल जुहा और दूसरा ईद उल फितर. ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है. इसे रमजान को खत्म करते हुए मनाया जाता है. मीठी ईद के करीब 70 दिनों बाद बकरीद मनाई जाती है. मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं. इसके बाद उसे तीन भागों में बांटा जाता है. जिसका पहला हिस्सा अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को दिया जाता है. दूसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों और तीसरा परिवार के लोगों को दिया जाता है.

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