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रेलवे कॉलोनी और देवार पारा के बीच फ्लाई ओवर या रेल अंडर ब्रिज जीवन रक्षक आवश्यकता

रायगढ़ : कहने को रायगढ़ जिला मुख्यालय है किंतु मूल् तथ्यों पर यदि नजर डाला जाए, और भौगोलिक दृष्टिकोण से यदि आकलन किया जाए तो यह जिला मुख्यालय 2 वर्ग किलोमीटर से अधिक की परिधि में नहीं बसा है। क्योंकि सदियों से रायगढ़ दो भागों में विभक्त है। एक शहरी रायगढ़ जिसमें मार्केट और सारी सुख सुविधाओं से सुसज्जित वातावरण आपको देखने को मिल जाएंगे और दूसरा ग्रामीण रायगढ़ जो रेलवे लाइन की दूसरी तरफ बसता है

कहने को यहां 25 से 40000 की आबादी निवासरत है, किंतु सुविधाओं के नाम पर आज भी शासन प्रशासन का सौतेला व्यवहार झेलने को मजबूर है आज तक कोई भी ऐसा प्रशासनिक अधिकारी या राजनीतिक नेतृत्व देखने को नहीं मिला जो रेलवे लाइन की दूसरी तरफ जहां बाजीराव महारापारा, सोनकरपारा, सोनू मुरा,नयापारा, देवारपारा, तेंदू दीपा, खेतपारा अमली भवना, चमरा गोदाम, आदि और भी कई मोहल्ले निवासरत हैं जिनके संबंध में कोई मास्टर प्लान बनाया जाए या इस इलाके के विकास के बारे में कोई सोच रखी जाए। बहुत दुख होता है यह कहते हुए कि हम भी रायगढ़ के निवासी हैं।

जबकि वास्तविकता यह है कि हम रायगढ़ जिले के किसी ग्रामीण इलाके के निवासी हैं, जहां ना तो कोई अच्छी सड़के हैं,ना चिकित्सा की कोई सुविधा, ना इस तरफ रेलवे बुकिंग काउंटर की सुविधा, और ना ही बगैर ब्रिज चढ़े प्लेटफार्म से इस तरफ आने की सुविधा, एक तरफ प्रदेश के और देश के मुखिया यह कहते नहीं थकते हैं कि हमने हर घर को पीने के लिए मीठा पानी दिया। किंतु वास्तविकता यह है कि इनमें से अधिकांश इलाकों में पाइप तो बिछ गया है लेकिन पानी का एक बूंद भी आज तक नसीब नहीं हुआ।

और केवल इतना ही नहीं कहने को यह इलाका नगर निगम क्षेत्र में आता है किंतु नगर निगम में यदि देखा जाए तो शहरी पार्षद और तथाकथित रेलवे लाइन के इस तरफ के पार्षद इन दोनों पक्षों में भी सौतेला व्यवहार देखने को मिलता है,क्योंकि विकास के कार्य जहां शहरों में आए दिन निरंतर जारी रहते हैं , इस तरफ आवश्यक आवश्यकताओं की सुविधा भी नगर निगम देने से हमेशा परहेज करती रही है। आवागमन की दृष्टि से बरसों से लंबित मांग की रेलवे कॉलोनी से रेलवे के पुराने केबिन के पीछे तक एक ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज हो जाए जिससे लोग आसानी से इस तरफ से रायगढ़ क्षेत्र की तरफ आना-जाना कर सके, किंतु शासन प्रशासन की क्या मनसा है वह समझ से परे है कि आज तक इस और भी कोई पहल नहीं किया गया।

शासन प्रशासन में बैठे शीर्ष नेतृत्व से क्षेत्र वासियों की यह करुण मांग है कि वह एक बार संयुक्त दौड़ा इस क्षेत्र का करें और हमारे नारकिय जीवन से परिचित होते हुए सर्वप्रथम ओवर ब्रिज या अंडरग्राउंड ब्रिज की मांग को अभिलंब पूरा करने का प्रयास करें जिसके लिए क्षेत्रवासी हमेशा उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

प्रत्येक चुनावी समय में चुनाव होते हैं और नेता जो कि यहां दौरा भी नहीं करना चाहते किंतु मजबूरी बस चुनावी समय में दौरा करते हुए बड़ी-बड़ी बातें करके निकल जाते हैं और क्षेत्र का विकास धरा का धरा रह जाता है। वर्तमान में चुनाव लड़ रहे प्रत्येक ऐसे उम्मीदवार से भी आग्रह करना चाहते हैं की एक बार इस क्षेत्र में भी दौरा करें और हमारी दुर्दशा से परिचित होते हुए हमें वह क्या आश्वसन देते हैं इस बात को सुनिश्चित करें । और अब क्षेत्र की जनता जाग चुकी है। अब क्षेत्र की जनता को केवल आश्वासन नहीं जमीनी स्तर पर कार्य चाहिए।

विमल चौधरी

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