
नई दिल्ली: भारत और रूस के रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा मिली है, जिससे भारत दुनिया के सबसे बड़े सैन्य हथियारों के निर्माता के रूप में उभरने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन ने भारत में सैन्य उपकरणों और पुर्जों के निर्माण के लिए सहमति दी, जिससे भारत की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता में मेक इन इंडिया के तहत भारत में रूसी हथियारों और रक्षा उपकरणों के संयुक्त निर्माण पर सहमति बनी। दोनों देशों ने यह भी तय किया कि भारत में बने सैन्य उपकरणों को तीसरे देशों को निर्यात किया जाएगा।
इसके अलावा, भारत को अतिरिक्त एस-400 मिसाइलों की खेप मिलेगी और एस-500 की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई है। इस समझौते से भारत के डिफेंस कोरिडोर को मजबूती मिलेगी और देश की युद्धक क्षमता और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। रूस और भारत के बीच यह रक्षा सहयोग भारत को वैश्विक सैन्य शक्ति बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।














