
जंगल में आग रोकने के लिए वन विभाग सतर्क, टोल फ्री नंबर जारी
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 16 मार्च 2025 – गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे वन संपदा और वन्यजीवों को भारी नुकसान होता है। इस खतरे से निपटने के लिए वन विभाग ने टोल फ्री नंबर 18002337000 जारी किया है, ताकि आग की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जा सके। वन विभाग के कर्मचारी और फायर वाचर्स निगरानी के लिए सक्रिय रहेंगे।
जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा
जंगलों में लगने वाली आग से बचाव के लिए वन विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा को लेकर लोगों को जानकारी दी जा रही है।
गोमर्डा अभ्यारण्य सहित पूरे वन क्षेत्र में ग्रामीण महुआ, चार और तेंदू पत्ता जैसे वनोपज का संग्रहण करते हैं। कई बार ग्रामीण वनोपज संग्रहण के दौरान पेड़ों के नीचे आग लगा देते हैं, जिससे जंगल में आग फैल जाती है। वनमंडलाधिकारी पुष्पलता टंडन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए आग लगने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई
भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत जंगल में आग लगाना दंडनीय अपराध है। वन विभाग के कर्मचारी और फायर वॉचर्स जंगल की निगरानी करेंगे और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेंगे। अगर कोई जंगल में आग लगाता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
जंगल में आग न लगाने के लिए सावधानियां
❌ ऐसा न करें:
✔ बीड़ी, सिगरेट के जलते टुकड़े जंगल में न फेंकें।
✔ वनोपज संग्रहण के लिए पेड़ों के नीचे आग न लगाएं।
✔ खेतों में आग लगाने से पहले वन विभाग से अनुमति लें।
✔ तेंदूपत्ता की पैदावार बढ़ाने के लिए आग न लगाएं।
✅ ऐसा करें:
✔ जंगल में आग लगने पर तुरंत वन विभाग के टोल फ्री नंबर पर सूचना दें।
✔ पास के वनरक्षक या वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को तुरंत जानकारी दें।
✔ आग को फैलने से रोकने के लिए पानी या मिट्टी डालें।
✔ आग बुझाने में वन कर्मचारियों और ग्रामीणों का सहयोग करें।
जंगल हमारी अमूल्य धरोहर हैं, इसे बचाने के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। वन विभाग आग से बचाव के लिए हर संभव कदम उठा रहा है और जनता से भी सहयोग की अपील करता है।