GRP के एंटी क्राइम टीम में शामिल थे सभी आरक्षक।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गांजा तस्करी में शामिल GRP के एंटी क्राइम यूनिट के चार आरक्षकों को रेल एसपी ने बर्खास्त कर दिया है। रेल एसपी ने जेल में बंद आरक्षक मन्नू प्रजापति, सौरभ नागवंशी, संतोष राठौर और लक्ष्मण गाइन पर पद का दुरुपयोग करने और
गांजा तस्करों के साथ मिलकर पुलिसकर्मी चला रहे थे रैकेट।
दरअसल, GRP के चारों आरक्षक एसपी के एंटी क्राइम यूनिट के कर्ताधर्ता थे, जिन्हें ट्रेनों में गांजा, नशीली, शराब तस्करी सहित अवैध हथियार परिवहन करने वालों पर कार्रवाई करने की जवाबदारी दी गई थी। बताते हैं कि बड़े अफसरों ने इन चारों पुलिसकर्मियों को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई थी। यही वजह है कि टीम में शामिल पुलिसकर्मी रायगढ़ से लेकर रायपुर और राजनांदगांव तक जाकर जांच करते थे। इन आरक्षकों को टीआई के बजाए सीधे बड़े अफसरों को रिपोर्ट करने की भी छूट थी। इसका फायदा उठाकर ये सभी खुद गांजा तस्करों से मिल गए और अवैध कारोबार को अंजाम देने लगे। इनका कारनामा उजागर होने के बाद एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जब्त गांजे की करते थे तस्करी।
बैंक अकाउंट और संपत्ति की चल रही जांच, रैकेट पर एक्शन नहीं सूत्र बताते हैं कि पुलिसकर्मियों के साथ इस रैकेट में कई सफेदपोश नाम शामिल है। जांच में उन्हें भी आरोपी बनाने और इस अवैध धंधे में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया था। लेकिन, अब तक आरक्षकों के अलावा किसी और पर कार्रवाई नहीं की गई है। इधर, जांच आरक्षकों के रिश्तेदार और करीबियों के नाम पर 45 बैंक खाते खुलवाने के साथ ही 15 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन की बात सामने आ रही है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है।
शिकायत में विभाग के बड़े अफसरों के भी है नाम।
मामले में शिकायत के बाद डीजीपी की एटीएस टीम ने 250 ट्रेनों में रैकी के बाद उन्हें पकड़ा था। बता दें कि 23 अक्टूबर को बिलासपुर जीआरपी में 10-10 किलोग्राम गांजा के दो प्रकरण दर्ज हुए थे। पकड़े गए दो आरोपियों से एटीएस ने पूछताछ की, तो चारों आरक्षक के नाम सामने आए थे। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर बिलासपुर साइबर सेल की टीम ने 27 अक्टूबर की देर रात सिरगिट्टी से उन्हें पकड़ा।
गांजा तस्करी के केस में जेल में बंद है चार आरक्षक।
रेल एसपी ने चार आरक्षकों को किया बर्खास्त रेल एसपी जेआर ठाकुर ने गांजा तस्करी के केस में जीआरपी बिलासपुर में पदस्थ आरक्षक क्रमांक 146 सौरभ नागवंशी, 202 मन्नू प्रजापति, 462 संतोष राठौर और 468 लक्ष्मण गाइन को बर्खास्त कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि रायपुर के रेल डीएसपी ने मामले की विभागीय जांच की है, जिसकी जांच में जब्त गांजा को योगेश सोंधिया और श्यामधर के माध्यम से बेचने की बात कही गई। इसके साथ ही गांजा बेचने के लिए वसूली की गई रुपयों को बैंक अकाउंट में ऑनलाइन जमा कराने और पद का दुरुपयोग करने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है।