
तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी आज, शालिग्राम संग तुलसी लेंगी सात फेरे…
चार नवंबर को तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी पर मंदिरों व घरों में पूजा अर्चना होगी। घर-घर में तुलसी विवाह की रस्म निभाई जाएगी। भगवान विष्णु स्वरुप शालिग्राम का विवाह तुलसी से कराया जाएगा।
रायगढ़। चार नवंबर को तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी पर मंदिरों व घरों में पूजा अर्चना होगी। घर-घर में तुलसी विवाह की रस्म निभाई जाएगी। भगवान विष्णु स्वरुप शालिग्राम का विवाह तुलसी से कराया जाएगा। गन्ने का मंडप सजाकर विधिवत विवाह रचाने की परंपरा निभाई जाएगी।
बता दें सनातन धर्म में तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विष्णु स्वरूप शालीग्राम और तुलसी की शादी करवाई जाती है। लोगों के घरों में विधि विधान से पूजा अर्चना होती है। बता दें चार महीने पहले 10 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी पर देवों के विश्राम करने की परंपरा निभाई गई थी।
देवगणों के विश्राम पर जाने से विवाह एवं अन्य शुभ संस्कारों पर रोक लग गई थी। चार नवंबर को कार्तिक शुक्ल एकादशी पर देवों के जागने की परंपरा निभाई जाएगी। इसी के साथ शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा और शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की बधाई और शुभकामनाएं दी है। बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि देवउठनी एकादशी का दिन शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसे छत्तीसगढ़ में बहुत उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। हिन्दुओं में इसी दिन से सारे मांगलिक कार्यों की शुरूआत की जाती है। श्री बघेल ने कामना की है कि एकादशी का त्यौहार सबके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए और सभी के मंगल कार्य सफल हों।
राज्यपाल ने देवउठनी एकादशी की दी शुभकामनाएं
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि यह पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।
