
नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का रविवार तड़के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया। जून-जुलाई में दो सप्ताह के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) मिशन से लौटने के बाद शुक्ला का स्वागत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और बड़ी संख्या में मौजूद नागरिकों ने किया।
लोकसभा में सोमवार को उनके ऐतिहासिक मिशन और भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर विशेष चर्चा होगी। बहस का विषय तय किया गया है— “आईएसएस पर भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री : विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका”। माना जा रहा है कि यह चर्चा संसद में जारी गतिरोध को खत्म कर सकती है और भारत की नई उपलब्धि को विशेष सम्मान देगी।
जून में शुभांशु शुक्ला आईएसएस के एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा बने और वे भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बने। उनका यह मिशन न केवल भारत बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी चार दशक बाद मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में वापसी का प्रतीक रहा।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने नई पीढ़ी को बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत के आत्मनिर्भर गगनयान मिशन और अपने अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अंतरिक्ष विभाग ने इस मिशन को रणनीतिक दृष्टि से अहम बताते हुए कहा कि यह भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में गंभीर दावेदारी का प्रमाण है।