
Happy Children’s Day : हर माता-पिता को अपने बच्चों को सिखानी चाहिए ये बातें
कहते हैं बच्चोंं का मन चिकनी मिट्टी की तरह होता है। आप बचपन उन्हे जो भी सिखाते हैं, बड़े होकर उनका व्यक्तित्व वैसा ही बन जाता है। हम अपने आस-पास ऐसे कई लोगों को देखते हैं जिनमें कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जो हमें पसंद नहीं होती। इनमें से ज्यादातर लोग वे होते हैं, जिन्हें बचपन में प्रॉपर गाइडेंस नहीं मिली होती। ऐसे में बच्चों को अच्छा इंसान बनाने के लिए उन्हें बचपन से ही कुछ बातें सिखानी चाहिए।
बच्चों को सिखाएं कि वे किसी भी भी कम नहीं हैं। बच्चे अगर बचपन में हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं, तो बड़े होने पर भी वे ऐसे ही रहते हैं। आगे चलकर वे दूसरों से जलन भी रख सकते हैं।
बच्चों को क्रिएटिव बनाना और अपनी पसंद-नापसंद को चुनने की आजादी होनी चाहिए। बच्चों पर हमेशा अपनी पसंद न थोपें। पहले बच्चों को समझने की कोशिश करें कि उनकी क्या पसंद है और उनके लिए क्रिएटिविटी का क्या मतलब है।
बच्चों को सिखाएं कि मां और पिता दोनों ही बराबर होते हैं। इसका सीधा-सा अर्थ यह है कि इससे वे लड़के और लड़की में भेद नहीं करेंगे। खेल-खेल में उन्हें सिखाएं कि लड़का और लड़की दोनों स्ट्रॉन्ग होते हैं।
बच्चों को सिखाएं कि उन्हें अपने किसी साथी को बुली नहीं करना है। किसी दूसरे बच्चे को डराना या फिर रूलाना किसी कमजोर इंसान की निशानी होती है। मिलजुलकर रहना हमें मजबूत बनाता है।
जिंदगी में कुछ रहने का क्या महत्व है, उन्हें इस बारे में बताएं। कई बच्चे बिना बात के रोते हैं या फिर रोकर अपनी बात मनवाने लगते हैं। बच्चों को खुशमिजाज इंसान बनने के बारे में बताएं।
उन्हें अच्छा-बुराई में फर्क करना सिखाएं। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बचपन में सिखाई हुई बातें उन्हें जिंदगी भर याद रहती है इसलिए उन्हें अच्छाई-बुराई का फर्क बचपन से ही सिखाएं।
खेल भावना का होना बेहद जरूरी है। बच्चों को जीतने के टिप्स देने के साथ उन्हें हार के साथ डील करना भी सिखाएं। उन्हें जीतकर तालियों की आवाज सुनने के साथ किसी और के लिए ताली बजाने की आदत भी होनी चाहिए।