कोर्ट के आदेश के बाद भी भर्ती निरस्त नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई।
छत्तीसगढ़ में विवादित सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने राज्य शासन को फटकार लगाई है। उन्होंने 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। नई चयन सूची जारी कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें।
दरअसल, राज्य शासन ने नियमों को दरकिनार कर BEd डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति दे दी है। इस मामले में डीएलएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती को अवैध बताया है।
कोर्ट ने अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश दिया है। इसके बाद भी राज्य शासन ने अब तक नियुक्ति निरस्त नहीं की है। DLEd अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की है। इसी को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।
परेशान उम्मीदवारों ने लगाई अवमानना याचिका
शासन के अड़ियल रवैए के खिलाफ डीएलएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा था कि 21 दिनों के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर कोर्ट में पेश की जाए।
हाईकोर्ट ने शासन को दिया अंतिम मौका
हालांकि, तय समय सीमा बीतने के बाद भी सूची जमा नहीं की गई। जिस पर मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। वकील के तर्कों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि, केवल समय बर्बाद किया जा रहा है।
अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार को अंतिम अवसर दिया है।
शासन का बहाना, व्यापम ने नहीं भेजी है सूची
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि चयन सूची तैयार करने के लिए व्यवसायिक परीक्षा मंडल को पत्र भेजा गया है, लेकिन व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने अब तक सूची नहीं भेजी है। साथ ही, पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का भी उल्लेख किया गया।
इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को सात दिन के भीतर डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर पेश करने का निर्देश दिया है।