छत्तीसगढ़

अडानी पावर लिमिटेड  के द्वारा ग्राम- छोटे भंडार ,बड़े भंडार , अमलीभौना और सरवानी के चारो ग्रामो के प्रभावित किसानो को अभी तक रोजगार नहीं दिया गया, तो विस्तार के लिए जन सुनवाई क्यों

यह मामला  हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अडानी पावर लिमिटेड , ग्राम-बड़े भंडार  तहसील पुसौर , रायगढ़ में स्थित का है।  अडानी पावर लिमिटेड के द्वारा अपने प्लांट विस्तार किया जा रहा है जिसमे 800 मेगावाट के दो यूनिट लगाया जाना है जिसमे लगभग 1000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है,  पूर्व में ही जब अडानी पावर कंपनी अस्तित्व में नहीं आयी तो पूर्व के कंपनी कोरबा वेस्ट पावर कंपनी के द्वारा चारो -ग्रामो के लगभग 1100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था जिसमे सीधे क्रय किये गए भूमि 500 एकड़ थी और  अधिग्रहण से 600 एकड़ भी को कंपनी स्थापना के लिए लिया गया था जिसमे लगभग 550 भूमि स्वामी प्रभावित हुए थे।


जिसमे से केवल कुल प्रभावित 550 में से केवल 75 भूमि स्वामियों को कंपनी के पे रोल में  नौकरी प्रदान किया गया ,शेष भूमि स्वामियों को सेवा सहकारी समिति संस्था बनाके उसके अन्दर  रखा गया है या फिर प्लांट के अंदर किसी ठेके कंपनी के अंदर रखा गया है,

लगभग 200 प्रभावित भूमि स्वामी अभी भी रोजगार से वंचित  रखा गया है और प्लांट में प्रतिवर्ष या फिर तीन साल में ठेकेदार बदलने की स्थिति होने पर जो ठेकेदार आते है उनके अंदर उन्हें फिर कर्मचारी के रूप में रखा जाता है


इस प्रकार से बार-बार उन्हें ठेकेदार कंपनी में चेंज करके रखा जाता है जिससे लोकल प्रभावित भूमि स्वामियों का ग्रेज्युटी नहीं मिल पाता है और उन्हें बार-बार कॉन्ट्रैक्टर कंपनी में रखकर उनका शोषण किया जाता है,  साथ ही उन्हें  अडानी कंपनी पे रोल के कर्मचारी जो सुविधा मिलता है वह सुविधा उन्हें  नहीं मिलता है 

समय समय पर प्रभावित भूमि स्वामियों के द्वारा इसके लिए आंदोलन किया जा चूका है और जिला प्रशासन कंपनी प्रबंधन के द्वारा लीपापोती करके इसका कोई समाधान अभी तक नहीं निकाला जा सका है ,12 जुलाई को होने वाले जनसुनवाई  कंपनी के वादा खिलाफी में इसका पूरा प्रभाव देखने को मिलेगा।


अडानी कंपनी के द्वारा दूसरे राज्य के लोगो को काम रखा जाता है और उन्हें अच्छे वेतन के साथ सुविधा भी दिया जाता है जैसा की वर्त्तमान में अडानी कंपनी में दो कर्मचारी सेवानिवृत होने के बाद भी उन्हें अभी भी  नौकरी  में रखा गया है जबकि प्रभावित चारो ग्राम के भूमि स्वामियों के लगभग 200 लोगो को अभी तक रोजगार नहीं दिया गया है इस प्रकार से कंपनी के द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानो के जमीन ,कोयला और पानी का उपयोग तो किया जाता है लेकिन उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता है ,इस प्रकार से अडानी कंपनी के द्वारा छत्तीसगढ़ के भोले भाले जनता का खुले आम शोषण किया जाता है और जनसुनवाई के समय में झूठा आश्वासन दिया जाता है जिसका पालन कराने में बाद शासन एवं जिला प्रशासन का भी पसीना निकल जाता है।


वर्ष 2019 में छोटे भंडार के एक प्रभावित किसान ने रोजगार के लिए मुख्यमंत्री ,राज्यपाल ,गृहमंत्री ,पुलिस महानिर्देशक ,पुलिस महा निरीक्षक से कम्पनी के दो कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत किया था इनके द्वारा झूठा आश्वासन देकर उनकी भूमि 03 एकड़ भूमि ग्राम -अमलीभौना के  सीधे क्रय किया गया था जिस विषय में  बयान दर्ज किया गया था जिसकी जाँच तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के द्वारा किया जा रहा था लेकिन  मामला को ही दबा दिया गया जो अभी भी जाँच का विषय है।

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