अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई से माफिया बौखलाए, राजस्व और पुलिस के बीच गहराया टकराव
बिलासपुर: अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर कार्रवाई के बाद रेत माफिया ने राजस्व और खनिज विभाग के कर्मचारियों को धमकियां दी हैं। इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है। पचपेड़ी तहसीलदार और खनिज विभाग की संयुक्त टीम द्वारा तीन हाईवा जब्त किए जाने के बाद माफिया ने कर्मचारियों से गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी।
घटना का विवरण
पचपेड़ी तहसीलदार और खनिज विभाग की टीम को जरौंधा-पचपेड़ी क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन की शिकायत मिली थी। तहसीलदार के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए अवैध रेत परिवहन करते तीन हाईवा जब्त कर पचपेड़ी थाने में खड़ा करा दिया। इस कार्रवाई से नाराज वाहन मालिक रंजीत काठले ने शनिवार रात लावर स्थित खनिज जांच चौकी पहुंचकर कर्मचारियों को धमकाया और गाली-गलौज की।
थाने में भी माफिया ने की धमकी और दुर्व्यवहार
खनिज विभाग के कर्मचारियों ने मामले की शिकायत मस्तूरी थाने में की, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय आरोपी रंजीत को थाने बुला लिया। रंजीत थाने पहुंचकर खनिज विभाग के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और हुज्जतबाजी करता रहा, जबकि पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
थानेदार ने टालमटोल किया: मस्तूरी थाना प्रभारी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी देने से बचते रहे।
डीएसपी का दावा: डीएसपी सिद्धार्थ बघेल ने कहा कि खनिज विभाग से कोई शिकायत नहीं मिली।
प्रशासन का हस्तक्षेप: जनसंपर्क विभाग ने देर शाम एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की।
पिछले मामले और प्रशासन-पुलिस के बीच टकराव
बिलासपुर में राजस्व और पुलिस के बीच टकराव का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले सरकंडा थाने में नायब तहसीलदार पर शराब के नशे में दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर उनकी पिटाई की गई थी। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन जांच और रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
निष्कर्ष और प्रशासन की चुनौतियां
जिले में अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। माफिया के बढ़ते प्रभाव और प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस को आपसी सहयोग से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।