तमनार में आदिवासियों की जमीन और प्रदूषण के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन, कोयला और फ्लाई ऐश परिवहन ठप

तमनार छत्तीसगढ़  – कोयला खनन और उद्योगों से प्रभावित तमनार क्षेत्र में जनआक्रोश गहराता जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासी समुदाय ने जंगल कटाई, फ्लाई ऐश प्रदूषण, सड़क दुर्घटनाओं और जमीन अधिग्रहण के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। आंदोलन के चलते कोयला ट्रकों और फ्लाई ऐश परिवहन का पहिया पूरी तरह थम गया है।


प्राकृतिक संसाधनों की लूट का विरोध
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि क्षेत्र में बिना पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान रखे जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे पारिस्थितिकी पर गंभीर असर पड़ा है। वहीं उद्योगों से निकलने वाली फ्लाई ऐश हवा और पानी को प्रदूषित कर रही है, जिससे ग्रामीणों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है।


आदिवासी जमीन अधिग्रहण को बताया जबरन कब्जा
आंदोलनकारी आदिवासी नेताओं का कहना है कि उनकी पारंपरिक जमीनों को जबरन अधिग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने इसे एक प्रकार की “जमीन की लूट” करार दिया और मांग की कि सभी अधिग्रहण रद्द कर समुदाय की सहमति से ही कोई निर्णय लिया जाए।



दुर्घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त
सड़क पर कोयला ट्रकों की बेतरतीब आवाजाही के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। लोगों का कहना है कि कई मासूमों ने जान गंवाई है लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया है।



स्थानीय प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर जन समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे जब तक ठोस आश्वासन नहीं पाते, तब तक अनशन जारी रहेगा।



औद्योगिक गतिविधियों पर असर
अनशन के चलते क्षेत्र में कोयला खनन से जुड़ी कई उद्योगिक इकाइयों की गतिविधियां ठप हो गई हैं। कोयला और फ्लाई ऐश परिवहन पर रोक लगने से प्रोडक्शन और सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। तमनार में यह जनआंदोलन अब पर्यावरण, अधिकार और जीवन के सम्मान की लड़ाई का प्रतीक बनता जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button