‘रूस की तरह टूट जाएगा भारत’ राउत के लेख पर छिड़ा विवाद, भाजपा ने शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी को घेरा
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक विशेष कॉलम में लिखा है कि हमारे प्रधानमंत्री राज्य सरकारों को अस्थिर करने में दिलचस्पी ले रहे हैं और ऐसी स्थिति में भारत रूस की तरह टूट जाएगा। भाजपा ने राउत के इस लेख पर कड़ी आपत्ति जताई और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस को घेरा है। भाजपा ने कहा कि शिवसेना ने देश के शहीदों का अपमान किया है।
राउत ने यह भी लिखा
राउत ने लेख में कहा, ‘सरकार के पास पैसा नहीं है, लेकिन उसके पास चुनाव जीतने के लिए, सरकारें गिराने-बनाने के लिए पैसा है। यदि हमारे प्रधानमंत्री को इस स्थिति में रात में अच्छी नींद आ रही है, तो उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। भाजपा नेता विजयवर्गीय ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विशेष प्रयास किया था।’
राउत ने कहा, ‘यदि हमारे प्रधानमंत्री राज्य सरकारों को अस्थिर करने में विशेष रुचि ले रहे हैं तो क्या होगा? राजनीतिक अहंकार के लिए मुंबई की `मेट्रो’ को अवरुद्ध कर दिया। अगर केंद्र सरकार को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि हम राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो जैसे रूस के राज्य टूटे वैसा हमारे देश में होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।’
चीनी निवेश पर अंकुश की बजाय सेना को पीछे धकेलना चाहिए
चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर शिवसेना सांसद ने कहा, ‘चीनी सैनिक 2020 में हिंदुस्तानी सीमा में घुसे। उन्होंने अपनी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीनी सैनिकों को हम पीछे नहीं धकेल सकते थे, लेकिन संकट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए राष्ट्रवाद की एक नई छड़ी का इस्तेमाल किया गया। चीनी वस्तुओं और चीनी निवेश के बहिष्कार का प्रचार किया गया। चीनी निवेश पर अंकुश लगाने की बजाय चीन की सेना को यदि पीछे धकेला गया होता, तो राष्ट्रवाद तीव्रता से चमकता दिखाई देता।’
भाजपा ने शिवसेना को बताया ‘सोनिया सेना’
राउत के लेख पर कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा ने शिवसेना को ‘सोनिया सेना’ बताते हुए कहा कि शिवसेना के नेता ने शहीदों का अपमान किया है। शिवसेना नेता देश को तोड़ने की बात न करें।कान खोलकर सुन लें कि ये देश एक है और एक ही रहेगा। हम मां भारती को, देश तोड़ने की बात को कतई नहीं सह सकते हैं। शिवसेना के इस बयान पर कांग्रेस और एनसीपी चुप क्यों हैं।