Indian Railway News: नहीं घटेगा रेल टिकट का दाम, आईआरसीटीसी से संबंधित फैसले को समझिए

नई दिल्ली
रेल मंत्रालय की कंपनी आईआरसीटीसी (IRCTC) की आमदनी नहीं घटेगी। रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी की कन्वीनिएंस फीस (convenience fees) से जुड़ा अपना कल का फैसला वापस ले लिया है। इस बात की पुष्टि केंद्रीय वित्त मंत्रालय में दीपम सचिव ने ट्वीट कर की है। हालांकि रेलवे के इस फैसले से ग्राहकों को सस्ता टिकट नहीं मिलेगा।

क्या था कल का फैसला
इससे पहले गुरुवार को रेलवे ने अपनी ऑनलाइन टिकट बुकिंग इकाई आईआरसीटीसी से कहा है कि वह अपनी वेबसाइट पर बुकिंग करने के समय लिए जाने वाले सुविधा शुल्क यानी कन्वीनिएंस फीस से प्राप्त राजस्व का 50 प्रतिशत हिस्सा रेलवे के साथ साझा करे। 2014 से पहले रेलवे और आईआरसीटीसी के बीच सर्विस चार्ज साझा नहीं होता है। लेकिन 2014 में इसे साझा करने का फैसला किया गया। तब 80 फीसदी राशि आईआरसीटीसी और 20 फीसदी राशि रेलवे को मिलती थी। 2015 में इसे बढ़ाकर 50-50 फीसदी कर दिया गया। लेकिन नवंबर 2016 में इसे चार्ज को 3 साल के लिए वापस ले लिया गया था। IRCTC ने 1 सितंबर, 2019 से कन्वीनियंस फीस बहाल की थी।

क्यों गिरा आईआरसीटीसी का शेयर
वर्ष 2016 में जबकि आईआरसीटीसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास थी तब रेल मंत्रालय कन्वीनिएंस फीस का आधा हिस्सा उसके पास चला जाता था। बाद में इस फैसले को पलट दिया गया था और आईआरसीटीसी के पास ही शत-प्रतिशत कन्वीनिएंस फीस रहती थी। इसके बाद इस कंपनी का आईपीओ आया जिसे निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया। कल रेलवे बोर्ड का फैसला आने के बाद आज आईआरसीटीसी का शेयर 20 फीसदी गिर गया। हालांकि दीपम सचिव के ट्वीट के बाद यह संभल गया।

क्या है कन्वीनिएंस फीस
आप यदि आईआरसीटीसी पर रेल का टिकट बुक कराते हैं तो इसमें किराये के अलावा कुछ राशि कन्वीनिएंस फीस के रूप में देते हैं। यह राशि 50 रुपये तक होती है। देखने में तो यह राशि मामूली लगती है लेकिन आईआरसीटीसी की साइट पर रोज लाखों टिकट कटते हैं। इससे आईआरसीटीसी को करोड़ों की आमदनी होती है। टिकट कैंसल कराने पर भी यह राशि वापस नहीं मिलती है। आईआरसीटीसी के सालाना रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-21 के दौरान कंपनी को कन्वीनिएंस फीस से 299.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इससे पहले 2019-20 में कंपनी ने इससे 349.64 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी।

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