
आईपीएल में हमेशा नए खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ते हैं। इस सीजन में भी आयुष बदोनी, वैभव अरोड़ा और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने लोगों का दिल जीता है। इनके अलावा एक खिलाड़ी ऐसा है जिसे पंजाब किंग्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ मौका दिया था। उसने पहले ही मैच में ताबड़तोड़ 26 रन बनाए और विकेटकीपिंग में शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद पंजाब किंग्स के खिलाफ 11 गेंद पर 23 रन बनाए। इस दौरान दो छक्के लगाए। हम बात कर रहे हैं युवा जितेश शर्मा की।
महाराष्ट्र के अमरावती में पैदा हुए जितेश विदर्भ की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। जितेश स्कूल में बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी करते थे। मौका मिलने पर विकेटकीपिंग भी कर लेते थे। बाद में जितेश स्कूल की टीम में नियमित विकेटकीपर बन गए। 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपना पूरा समय क्रिकेट को दिया।
माइकल क्लार्क के कोच ने दिया था मौका
जितेश जब 14 साल के थे तब उन्हें एक बड़ा मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया को 2015 में वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान माइकल क्लार्क के निजी कोच नील डी कोस्ट ने उन्हें एक अवसर दिया। नील उस समय विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के अंतर्गत आने वाले नागपुर में एक क्रिकेट अकादमी के प्रमुख थे। वे जिले-जिले घूमकर नई प्रतिभाओं को तलाशते थे। नील ने ही जितेश का चयन किया।
पिता हिमाचल और मां अमरावती की रहने वाली
एक बार विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन की अकादमी में प्रवेश पा लेने के बाद जितेश आगे बढ़ते गए। पहले उन्हें अंडर-16 में खेलने का मौका मिला। उसके बाद अंडर-19 और फिर रणजी ट्रॉफी में विदर्भ के लिए उतरे। जितेश के पिता मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। उनकी मां अमरावती की हैं। जितेश का जन्म भी वहीं हुआ। उनके पिता 16 साल की उम्र से अमरावती में रह रहे हैं।
मुंबई इंडियंस की टीम में थे शामिल
जितेश को 2016 में आईपीएल के लिए मुबई इंडियंस ने अपनी टीम में शामिल किया था। इसके दो साल बाद 2018 में उन्हें रिलीज कर दिया गया था। वे मुंबई के लिए एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। 2018 में बड़ी नीलामी हुई थी, लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उन्हें नहीं खरीदा था। जितेश को लगा कि उनका क्रिकेट करियर अब समाप्त हो गया है।
आईपीएल ने लौटाई खुशी
घरेलू क्रिकेट में लगातार खेलने के बावजूद आईपीएल नहीं खेलने के कारण वे निराश थे। इस बार पंजाब किंग्स ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीद लिया। नीलामी से ठीक पहले वे डिप्रेशन में थे। उन्हें विदर्भ की रणजी टीम से बाहर कर दिया गया था। पंजाब किंग्स द्वारा खरीदे जाने के बाद उनके चेहरे पर खुशी आई।