भाजपा जिला अध्यक्ष की घोषणा में विलंब कहीं आंतरिक कलह का कारण तो नहीं
रायगढ़ : भारतीय जनता पार्टी यू तो कहने के लिए कैडर बेस और लोकतांत्रिक पार्टी है । किंतु पार्टी के अंदर पदाधिकारी चयन के लिए कभी भी चुनाव होते नहीं देखा गया , कहने को यह कहते हैं कि आम सहमति से पदाधिकारी का चयन किया गया, यह भी एक संयोग है की हर बार और हर स्तर के अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारी का चुनाव आम सहमति से हो जाना ताजुब की बात है , और यदि इतनी ही अनुशासित पार्टी है तो फिर गुटों में क्यों बटी है ? और यदि गुटों में नहीं बटी होती तो आज तक भारतीय जनता पार्टी छोटे से बड़े चुनाव तक कभी कोई भी सीट इस पूरे भारतवर्ष में कहीं भी नहीं हार पाती, उनके हार का कारण भी स्वयं के घरों में अंदरूनी कलह होती है। खैर, बीते कई दिनों से कई संभावित तारीख जिला अध्यक्ष के नाम का ऐलान की आ चुकी है, किंतु बीता साल यूं ही चला गया, नए साल 2025 का आगाज हो गया।
किंतु भारतीय जनता पार्टी अपने जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार लिस्ट को छोटी करते हुए दो नाम पर प्रदेश नेतृत्व में घमासान चल रहा है, और वह नाम है पहले अरुण घर दीवान और दूसरा विकास केडिया का ।लेकिन सोचने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी महिला सशक्तिकरण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं महिला उत्थान के लिए सतत कार्य करती है लेकिन संगठन में अभी तक मंडलों में या जिला में किसी महिला को नेतृत्व करने का मौका नहीं मिल पाया है ऐसे में संगठन पर यक्ष प्रश्न तो उठाता ही है
कि आखिर महिलाओं को संगठन नेतृत्व पर आगे क्यों नहीं दिया जाता कहीं ऐसा तो नहीं की प्रदेश नेतृत्व और सरकार दो घरों में विभाजित हो चुकी है, और किसी एक नाम पर आम सहमति न बनने के कारण जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान असंभव सा दिखाई पड़ता हो। यदि ऐसी स्थिति है तो यह भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंताजनक स्थिति है ,
क्योंकि निकट भविष्य में ही नगर निगम के चुनाव और पंचायत के चुनाव आने वाले हैं और यदि इसी प्रकार की इनकी कार्यप्रणाली रही तो महापौर पद के लिए और पार्षद पद के लिए प्रत्याशियों का चयन आने वाले समय में उनके लिए कहीं एक नई मुसीबत का आगाज ना हो , और ऐसी परिस्थितियों में यदि प्रत्याशियों का चयन कर भी दिया जाता है तो क्या उन्हें चुनाव में आशा नुकूल सफलता प्राप्त हो पाएगी ? यह विचार करने वाली बात है ।