
रायपुर। प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने के आरोप में रायपुर में गिरफ्तार किए गए दो मुस्लिम किशोरों के मोबाइल फोन से एटीएस को कई गंभीर और अतिसंवेदनशील डिजिटल सबूत मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दोनों किशोरों ने राज्य के विभिन्न शहरों के 100 से अधिक किशोरों और युवाओं को जेहादी नेटवर्क से जोड़ने में भूमिका निभाई थी।
एटीएस अब इन सभी संदिग्ध लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ कर रही है। दोनों आरोपितों के खिलाफ यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनके कब्जे से देश-विरोधी सामग्री, खुफिया नक्शे और अन्य संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि आईएसआईएस का पाकिस्तानी मॉड्यूल इन किशोरों के माध्यम से प्रदेश में त्योहारों के दौरान हिंसा फैलाने की योजना बना रहा था।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किशोर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो और संदेश भेजकर अपने समुदाय के किशोरों और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे थे। कुछ बच्चों ने यह जानकारी अपने परिवारों को दी, जिसके बाद परिजनों ने किशोरों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने।
तकनीकी जांच में स्पष्ट हुआ है कि दोनों किशोर सीधे आईएसआईएस के पाकिस्तानी मॉड्यूल के संपर्क में थे और उन्हें लगातार मोबाइल के माध्यम से निर्देश व संदेश मिल रहे थे। यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन सुनियोजित तरीके से प्रदेश के किशोरों को निशाना बनाकर उनका ब्रेनवॉश करने में लगा था।














