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जिंदल फाउण्डेशन जेपीएल तमनार द्वारा ’विशाल नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर’ का आयोजन

परियोजना ’दृष्टि’ से 130 दृष्टिबाधितों को नवदृष्टि

तमनार -जिंदल फाउण्डेशन जेपीएल तमनार अपने सामाजिक सरोकार निर्वहन अंतर्गत क्षेत्र में बेहतर वातावरण निर्माण के लिए सदैव प्रतिबद्ध रही है। इसी क्रम में क्षेत्र में निवासरत वृद्धजनों, जो अपने ऑखों में मोतियाबिंद के कारण दृष्टिबाधित हैं। जिन्हें देख न पाने के कारण विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे जरूरतमंद वृद्धजनों के लिए जिंदल फाउण्डेशन जेपीएल तमनार अपने अनूठी परियोजना ’’दृष्टि’’ के अंतर्गत ’विशाल नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर’ का आयोजन फोर्टिंस ओ.पी. जिंदल हॉस्पिटल तमनार में किया गया। जिसमें क्षेत्र के 241 हितग्राहियों का स्क्रीनिंग कर 130 वृद्धों का सफलता पूर्वक मोतियाबिंद आपरेशन कर उनके दृष्टिबाधिता को दूर किया गया। और आज वे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

प्रायः देखा गया है कि नेत्रहीनता का प्रमुख कारण मोतियाबिंद है। प्रतिवर्ष मोतियाबिंद के लाखो नए मामले सामने आते हैं। लेकिन अत्याधुनिक तकनीकों ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन को बहुत आसान और प्रभावी बना दिया है। इसका कारण है मोतियाबिंद सर्जरी के प्रति लोगों में विश्वास व जागरूकता के कारण भारत में मोतियाबिंद के कारण होने वाली नेत्रहीनता में भारी मात्रा में कमी आई है।

ज्ञातव्य हो कि यदि आपको दूर या पास का कोई भी वस्तु कम दिखाई दे, गाड़ी ड्राइव करने में समस्या हो या आप दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को न पढ़ पाएं तो समझिए की आप की आंखों में मोतियाबिंद विकसित हो रहा है। जब लेंस क्लाउडी हो जाता है तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से गुजर नहीं पाती, जिससे जो इमेज आप देखते हैं वो धुंधली हो जाती है।

इसके कारण दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया भी कहते हैं। दरअसल उम्र का बढ़ने, डायबिटीज, अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोजर, उच्च रक्तदाब, मोटापा, आंखों में चोट लगना और पारिवारिक इतिहास के कारण मोतियाबिंद होता है। डॉक्टरों के अनुसार चालीस वर्ष के पश्चात नियमित रूप से आंखों की जांच कराकर, सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों ऑखों को बचाकर, रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों का सेवन, शराब व धुम्रपान छोड़ एवं डायबिटीज नियंत्रण कर मोतियाबिंद से बचा जा सकता है।

नेत्र शल्य चिकित्सा, रायगढ़ के सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति सिंह, फोर्टिंस ओ.पी. जिंदल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, रायगढ़ के द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ.यू.के.पति, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ओ.पी. जिंदल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, तमनार, श्री ऋषिकेष शर्मा, विभागाध्यक्ष सीएसआर विभाग, श्री राजेश रावत, डॉ.अश्विनी पटेल, डा.ॅ हेमेन्द्र साहू, समस्त स्वास्थ्य टीम जेपीएल तमनार की उपस्थित में सम्पन्न हुआ। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में फोर्टिंस ओ.पी.जिंदल हॉस्पिटल तमनार एवं टीम सीएसआर, जेपीएल के समस्त सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।

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