उभयलिंगी व्यक्तियों पर केन्द्रित जागरूकता संवेदनशीलता विषय पर बैठक सह कार्यशाला सम्पन्न,

जिले में तृतीय लिंग समुदाय के लिए पुनर्वास केन्द्र की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, कलेक्ट्रेट, पुलिस कार्यालय एवं जिला पंचायत में उनके अधिकार एवं महत्वपूर्ण बिन्दुओं को बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित करने के लिए भी कहा गया है,उनके लिए पृथक से भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया

जशपुरनगर 05 मार्च 2021/कलेक्टर श्री महादेव कावरे की अध्यक्षता में जिला ंपचायत के सभाकक्ष में उभयलिंगी व्यक्तियों पर केन्द्रित जागरूकता संवेदनशीलता विषय पर बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री बालाजी राव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालनअधिकारी श्री के.एस.मण्डावी, छत्त्तीसगढ़ शासन के तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड के सुश्री विद्या राजपूत, सुश्री रवीना बरिहा, तृतीय लिंग कल्याण कमेटी बोर्ड कोरबा की शंकर यादव, मितवा संकल्प समिति की पापी देवनाथ, उप संचालक पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग की श्रीमती सुचिता लकड़ा, जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।
 कार्यशाला में तृतीय लिंग बोर्ड की सदस्य रवीना बरिहा ने समुदाय की सामाजिक आर्थिक, शैक्षणिक उनके अधिकार, कानून, रोजगार के अवसर, समाज की मुख्य धारा में लाने का सार्थक प्रयास आदि पर विस्तार से प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने उभयलिंग को परिभाषित करते हुए बताया कि उनका शरीर और मन अलग-अलग होता है और वे अपने अनुसार स्त्री,  पुरूष या तृतीय लिंग का चयन कर सकते हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर द्वारा इस समुदाय को दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक निर्धारित प्रपत्र में जिला कलेक्टर के पास आवेदन किया जाएगा और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनको प्रमाण पत्र देने के लिए अधिकृत किया गया है। कार्यशाला में जिला प्रशासन द्वारा तृतीय लिंग के उत्थान के लिए क्या-क्या कार्य किए जा सकते है। इसके बारे में भी जानकारी दी। रवीना बरिहा ने बताया कि ऐसे तृतीय लिंग समुदाय के व्यक्ति जिनको घर से बाहर निकाल दिया गया है, निराश्रित है, अनाथ हैं उनके के लिए जिला में एक पुनर्वास केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि उनको रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके और जिला अस्पताल में तृतीय लिंग समुदाय के लिए अलग-वार्ड बनाकर अलग बेड की व्यवस्था कराकर पृथक से अलग शौचालय की भी सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। जिला स्तर पर तृतीय लिंग की सुरक्षा के लिए जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया जाना है। कमेटी द्वारा प्रत्येक तीन माह में बैठक लेकर उनकी सुविधाओं समस्याओं का समाधान करेगी और निगरानी रखेगी।
कार्यशाला में बताया गया कि जिला कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, पुलिस कार्यालय में उनके अधिकारों और महत्वपूर्ण बिन्दूओं को बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित करने के लिए भी कहा गया है। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ शासन के दिशा निर्देश के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। और तृतीय लिंग के कानूनों के बारे में भी बताया गया। कार्यशाला में बताया गया कि तृतीय लिंग समुदाय को रोजगार के समान  अवसर पर उपलब्ध कराना है। तृतीय लिंग के पहचान पत्र जारी करने के लिए दिशा निर्देश, लिंग परिवर्तन करने केलिए  पहचान पत्र की पद्धति, गैर भेद-भाव के लिए प्रावधान, रोजागर के समान अवसर, शिकायत निवारण आदि बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और उनकी शंकाओं एव समस्याओं का भी समाधान किया गया।

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