क्या घाटी में लौट रहा 90 का दौर? टारगेट किलिंग के बीच कश्मीरी पंडितों ने कल से किया पलायन का ऐलान

कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में टारगेट किलिंग (Target Killing) का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 48 घंटे के अंदर टारगेट किलिंग (Kashmir Valley) का दूसरा मामला सामने आया है। जिसके कारण कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा हो गया है। इस बीच अब कश्मीरी पंडितों ने घाटी से सामूहिक पलायन की घोषणा की है। 3 जून से (यानी कल से) कश्मीरी पंडित घाटी से एक साथ पलायन करेंगे।

गुरुवार को बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कश्मीरी पंडितों ने तय किया कि जिन इलाकों में कश्मीरी पंडित विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए। बैठक में बताया गया कि अब कश्मीर में रह रहे अल्पसंख्यकों के सामने और कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए उन्हें भागना पड़ रहा है।

बैठक में सभी लोगों को बनिहाल की नवयुग सुरंग के पास इकट्ठा होने को कहा गया है। कश्मीर के अनंतनाग में एक सुरक्षा शिविर में रह रहे प्रदर्शनकारी रंजन जुत्शी ने कहा कि पिछले 22 दिनों से हर कोई विरोध कर रहा है। हमारी मांग है कि हमें यहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए। आज विजय कुमार और परसों रजनी बाला की बेरहमी से हत्या कर दी गई। जिस दिन राहुल भट्ट की हत्या हुई थी, उस दिन हमने कहा था कि हमें यहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए। जैसे हम 1990 में पलायन कर गए थे।

अब सब ऐसे ही पलायन कर रहे हैं। करीब 3000 कर्मचारी पहले ही जम्मू पहुंच चुके हैं। 20 वाहन मट्टन इलाके से निकल चुकी हैं। वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इसी बीच एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उन्हें 1989 की याद दिलाते हुए कश्मीर (Jammu and Kashmir) के ऐसे हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) को जिम्मेदार ठहराया है।

ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा छोड़कर फिल्म प्रमोशन में लगी है, उनके लिए कश्मीरी पंडित ही वोट बैंक हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार की विफलताओं के कारण ही कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को फिर से कश्मीर से पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मोदी सरकार देश चला रही है या फिल्म प्रमोशन के लिए है।

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