रायगढ़ में आयरन स्लग चोरी केस ने पकड़ा तूल: कलमी के ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया, पुलिस पर 1.5 लाख की मांग का गंभीर आरोप

  • JSPL यार्ड से चोरी मामले में पुलिस कार्रवाई के विरोध में कलमी गांव के लोग सड़कों पर
  • कबाड़ी रमेश यादव की गिरफ्तारी को बताया “एकतरफा कार्रवाई”
  • ग्रामीण बोले—“जवान ने केस खत्म कराने 1.5 लाख माँगे”
  • थाना प्रभारी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया—”दबाव बनाने का प्रयास”
  • DSP सुशांतो बनर्जी की मौजूदगी में मामले की आगे की जांच जारी

 Iron Slag चोरी केस में नया बवाल

रायगढ़। कोतरा रोड थाना क्षेत्र में आयरन स्लग चोरी की जांच अब विवादों में घिर गई है। शनिवार दोपहर कलमी गांव के करीब 40 ग्रामीण, जिनमें महिलाएं भी शामिल रहीं, अचानक थाने पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ जोरदार हंगामा करते हुए थाने का घेराव कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि कबाड़ी रमेश यादव की गिरफ्तारी “दबाव और रिश्वतखोरी” का परिणाम है।


विरोध प्रदर्शन: पुलिस पर रिश्वत मांगने का आरोप

करीब 11:30 बजे ग्रामीणों का समूह थाने में दाखिल हुआ और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मामले को रफा-दफा करने के लिए पुलिस के एक जवान ने 1.5 लाख रुपए की मांग की थी।
ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि रमेश यादव को बिना ठोस सबूतों के उठा लिया गया है और जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हो रही है।


पुलिस की प्रतिक्रिया: “जांच के आधार पर गिरफ्तारी, आरोप निराधार”

थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा—
“पुलिस पर जबरन दबाव बनाने के लिए यह आरोप लगाया गया है। रमेश यादव की गिरफ्तारी विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर हुई है। आगे जिसकी भी भूमिका सामने आएगी, उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी।”

पुलिस का कहना है कि पूरे प्रकरण की निगरानी DSP सुशांतो बनर्जी कर रहे हैं और हर कानूनी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जा रही है।


नवंबर में दर्ज हुआ था मामला

नवंबर में JSPL जिंदल प्लांट के एक अधिकारी की लिखित शिकायत पर पुलिस ने आयरन स्लग चोरी का मामला दर्ज किया था। प्रारंभिक जांच में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आगे जांच बढ़ने पर कलमी गांव के कबाड़ी रमेश यादव का नाम सामने आया, जिसके बाद शुक्रवार देर शाम उसे हिरासत में लिया गया।


जांच और विरोध—दोनों पर निगाहें टिकीं

आयरन स्लग चोरी प्रकरण अब पुलिस कार्रवाई, ग्रामीण विरोध और रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते संवेदनशील मोड़ पर पहुंच गया है। पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है, जबकि ग्रामीण निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले की दिशा साफ होगी।

 

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