धौंराभांठा:- 4नवम्बर2024 सोमवार को मा. जितेन्द्र कुमार जैन जिला प्रधान न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार तथा न्यायाधीश/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ श्रीमती अंकिता मुदलियार के नेतृत्व में छात्र छात्राओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से पीएलव्ही सुनील कुमार चौहान,थाना तमनार एवं तरुण कुमार बेहरा थाना जूटमिल के द्वारा ग्राम पंडरीपानी पूर्व के विद्यालय शासकीय पूर्व माध्य शाला पंडरीपानी पूर्व जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ में विधिक साक्षरता शिविर आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों को , छात्र छात्राओं को बाल श्रम उन्मूलन के लिए कई विधिक प्रावधान हैं। भारत में बाल श्रम को शोषित करने वाली प्रथा माना जाता है और इसे रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं।
बाल श्रम निषेध कानून
भारत में बाल श्रम निषेध कानून के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम करने की अनुमति नहीं है। इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए दंड और जुर्माना का प्रावधान है ¹।
बाल अधिकार के सम्मेलन
भारत ने बाल अधिकार के सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है और बाल श्रम को अवैध मानता है ¹।
राष्ट्रीय बाल श्रम नीति
भारत सरकार ने राष्ट्रीय बाल श्रम नीति बनाई है, जिसका उद्देश्य बाल श्रम को समाप्त करना और बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना है ¹।
यदि आपको बाल श्रम के बारे में अधिक जानकारी चाहिए या किसी बच्चे को बाल श्रम से बचाना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
– राष्ट्रीय बाल श्रम हेल्पलाइन: 1800-112-356
– बाल अधिकार संरक्षण आयोग: 011-23389393
मानव तस्करी, सायबर क्राइम, सालसा द्वारा संचालित पहचान अभियान , लैगिंग अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 , किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम, बाल मजदूरी, बाल विवाह अधिनियम निषेध 2006, अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के संबंध में, पॉक्सो एक्ट, चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर पीएलवी, स्कूल के छात्र छात्राएं शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।