
नवा रायपुर में 76.5 एकड़ में बसेगा 21वीं सदी का सेवाग्राम, तीन फरवरी मुख्यमंत्री और राहुल गांधी करेंगे भूमिपूजन
रायपुर (महाराष्ट्र) स्थित महात्मा गांधी के सेवाग्राम की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में भी 21वीं सदी का नया सेवाग्राम बनेगा। इसके लिए सरकार ने कुल 76.5 एकड़ जमीन का चयन किया है। इसमें दो नहर हैं, जिनका रकबा करीब1.5 एकड़ है। वहां प्रदेश की परंपरागत ग्रामीण भवन शैली की झलक दिखेगी। यहां तक की सड़कें भी ग्रामीण परिवेश के अनुरुप भी बनाई जाएगी।
सेवाग्राम के अंदर पूरा निर्माण मिट्टी और चूना जैसी प्राकृतिक चीजों से किया जाएगा। सेवाग्राम का पूरी योजना तैयार कर ली गई है। तीन फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इसका भूमिपूजन करेंगे।
अफसरों के अनुसार सेवाग्राम में वृद्धाश्रम और वंचितों के लिए स्कूल की भी योजना है। सेवाग्राम में एक ही स्थान पर छत्तीसगढ़ की अलग-अलग कला, संस्कृति और वैभव का दर्शन होगा। आगंतुक स्थानीय कला और शिल्प, स्थानीय पकवान-व्यंजनों को बारे में जान सकेंगे।
अपनी जानकारियों और अनुभवों को साझा कर सकेंगे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और आत्मनिर्भर गांव की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था वहां की जाएगी। एक ओपन थियेटर का भी प्रस्ताव है। जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सेवाग्राम के प्रस्ताव में एक विजिटर्स सेंटर (आगंतुक कक्ष) की भी योजना है। वहां गांधी जी के सिद्धांतों को स्मरण करने के साथ ही उसे समझने का भी मौका मिलेगा। अफसरों के अनुसार पूरी योजना गांधी दर्शन को याद रखने और सीखने की प्रेरणा के हिसाब से तैयार किया गया है। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को भी इसके माध्यम से जीवंत रखा जा सकेगा।
1936 में हुई थी सेवाग्राम की स्थापना
महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम की स्थापना 1936 में महात्मा गांधी और उनकी सहधर्मिणी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी, ताकि वहां से वे मध्य भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर सकें। वर्धा का यह संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था।