एमएमयू की सेवा का बड़ा असर: 4.35 लाख से अधिक लोगों को मिला निःशुल्क उपचार

प्रतिदिन शहर के पांच स्थानों में लगता है कैंप
41 प्रकार के निशुल्क खून जांच की मिलती है सुविधा

रायगढ़। मोबाइल मेडिकल यूनिट (एम एम यू ) के माध्यम से एक तरफ जहां लोगों को डेंगू, मलेरिया, शुगर, थायराइड, एलएफटी, आरएफटी, कैल्शियम, विटामिन b1, B3, B12, सीबीसी सहित अन्य बीमारियों की बेहतर जांच एवं इलाज की सुविधा मिल रही है, वही लोगों को उनके बीमारियों से संबंधित निशुल्क ब्रांडेड दवाइयां भी मिलती है। इसी का नतीजा रहा की अब तक 4 लाख  35000 से ज्यादा लोगों ने मोबाइल मेडिकल यूनिट से इलाज की सुविधा ली है। प्रतिदिन 5 एम एम यू के माध्यम से शहर के 300 से ज्यादा मरीज का इलाज होता है।
शहर के लोगों को उनके घरों के आसपास ही निशुल्क इलाज गंभीर बीमारियों की जांच और बीमारी से संबंधित निशुल्क ब्रांडेड दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए ही शासन द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट (एम एम यू) की शुरुआत की गई थी।

इससे लोगों को उनके घरों के पास ही सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, मलेरिया, डेंगू, विटामिन की कमी, कैल्शियम की कमी सहित गंभीर लिवर एवं किडनी जैसे गंभीर बीमारियों की निशुल्क जांच एवं इलाज और ब्रांडेड दवाइयां की सुविधा मिल रही है। यही वजह है कि गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों को उनके वार्डो में मेडिकल मोबाइल मेडिकल यूनिट आने का इंतजार रहता है। 20 नवंबर 2020 से यह योजना शुरू हुई। तब से 4  एम एम यू के माध्यम से शहर के अलग-अलग वार्डों में प्रतिदिन कैंप का आयोजन किया जाता है।

20 नवंबर 2020 से 2 नवंबर 2025 तक 4 मेडिकल मोबाइल मेडिकल यूनिट से 5701 कैंप किए गए। इसमें 4 लाख 2575 लोगों का इलाज किया गया, जिसमें से 1 लाख 62 हजार 410 मरीज का उनके बीमारियों से संबंधित विभिन्न प्रकार के ब्लड टेस्ट किए गए। इसी तरह 3 लाख लाख 79134  मरीज को निशुल्क ब्रांडेड दवाइयां का वितरण किया गया। 8 अगस्त 2023 से युवतियों एवं महिलाओं के इलाज के लिए दाई- दीदी क्लीनिक का शुभारंभ हुआ।

इस विशेष क्लीनिक में महिलाओं से संबंधित बीमारी जैसे कमजोरी, एनीमिया, कैल्शियम की कमी, पीसीओडी, शारीरिक एवं मानसिक विकास की इलाज की सुविधा मिलती है। इसमें डॉक्टर से लेकर लैब टेक्नीशियन, कंपाउंड सभी महिला होते हैं, जिसमें महिलाओं से संबंधित बीमारियों की विशेष जांच और इलाज सुविधा मिलती है। 8 अगस्त 2023 से 2 नवंबर 2025 तक दाई दीदी क्लिनिक द्वारा 645 कैंप किए गए। इसमें 33167 महिलाओं का इलाज किया गया, जिसमें से 15587 महिलाओं का उनके बीमारियों से संबंधित लैब टेस्ट किए गए। इसी तरह 31500 को बीमारियों से संबंधित ब्रांडेड निशुल्क दवाइयां दी गई। इस तरह पांच के माध्यम से 6346 कैंप करते हुए 4 लाख 35 हजार 742 मरीज का इलाज किया गया। इसमें से 177997 मरीज का विभिन्न बीमारियों से संबंधित खून जांच की गई और चार लाख 10634 मरीज को निशुल्क दवाइयां का वितरण किया गया।

बीपी शुगर एवं थायराइड मरीज को उपलब्ध होती है निशुल्क  दवाइयां
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से बीपी, शुगर, थायराइड के मरीज जिन्हें नियमित दवा लेने की आवश्यकता होती है। ऐसे मरीज को निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है। बीपी, शुगर एवं थायराइड के नियमित इलाज एवं जांच कराने वाले मरीजों का डाटा उपलब्ध है जिनसे संपर्क कर उनकी जांच के साथ उन्हें निशुल्क दवाइयां एम एम यू के डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

कमिश्नर क्षत्रिय द्वारा लगातार की जा रही समीक्षा
निगम कमिश्नर श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट के स्टाफ, डॉक्टर और उपलब्ध सुविधा, लैब टेस्ट, मरीजों की संख्या, दवाइयां का स्टॉक आदि सभी एजेंडा पर लगातार समीक्षा की जा रही है। पूर्व में कुछ सुधार की आवश्यकता  एम एम यू संचालित वेंडर कंपनी को दिए गए थे, जिसमें सुधार के बाद व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है और शहर के सभी वार्डों के गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों को सामान्य से लेकर जटिल बीमारियों की इलाज, जांच एवं निशुल्क दवाइयां की सुविधा मिल रही है।



मोबाइल मेडिकल यूनिट से लोगों को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

सोनूमुड़ा नयापारा निवासी सुनीता श्रीवास, धांगरडीपा निवासी ममता गुप्ता और सावित्री नगर बजरंग पारा निवासी श्याम सुंदर ने बताया कि वे नियमित रूप से मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) के माध्यम से उपचार प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि यह यूनिट उनके लिए घर के पास ही एक चलती-फिरती अस्पताल जैसी है, जहां हर सप्ताह डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पहुंचकर जांच, परामर्श और निःशुल्क ब्रांडेड दवा देते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि एमएमयू से मिलने वाली सेवाएं निःशुल्क और विश्वसनीय हैं। यहां सामान्य रोगों की जांच के साथ आवश्यक दवाइयां तुरंत दी जाती हैं, जिससे लोगों को अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं।

सुनीता श्रीवास ने कहा कि “पहले छोटे-छोटे रोगों के लिए सरकारी या प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता था, अब मोबाइल मेडिकल यूनिट से ही इलाज हो जाता है। ममता गुप्ता ने बताया कि यह सुविधा  महिलाओं और बुजुर्गों सहित सभी आयु वर्ग के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि समय और खर्च दोनों की बचत होती है। वहीं श्याम सुंदर का कहना है कि डॉक्टरों का व्यवहार अच्छा है और जांच व दवा दोनों ही निःशुल्क मिलते हैं, जो हमारे लिए बड़ी राहत है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के नियमित दौरे से शहर के  लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है और  उनके लिए चिकित्सा सुविधा सुलभ हो रही है।

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