राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने रायगढ़ कलेक्टर को भेजा नोटिस, मुड़ा गांव सरपंच की शिकायत पर मांगा 15 दिन में जवाब

रायगढ़।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने रायगढ़ जिले के कलेक्टर एवं जिला अधिकारी को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह नोटिस ग्राम पंचायत मुड़ा गांव के सरपंच अमृत लाल भगत द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें शासकीय आरक्षित भूमि पर अवैध कब्जे की बात कही गई है।

शिकायत के अनुसार, ग्राम सभा की भूमि, जो कि शासकीय रिकॉर्ड में आरक्षित बताई गई है, उस पर कथित रूप से कुछ व्यक्तियों द्वारा कब्जा किया गया है। सरपंच द्वारा इस मामले में आयोग को दिए गए आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस संबंध में पूर्व में प्रशासन को सूचित किए जाने के बावजूद अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई।

आयोग द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 338क के अंतर्गत आता है, जिसमें आयोग को सिविल न्यायालय जैसी शक्तियां प्राप्त हैं। ऐसे में संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे निर्धारित अवधि में आयोग को आवश्यक तथ्यात्मक जानकारी, उपलब्ध दस्तावेज़ और की गई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करें।

आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि यदि निर्धारित अवधि के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता, तो आयोग संविधान के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का ‘सम्मन’ भी जारी कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि यह नोटिस 26 जून 2025 को जारी किया गया है, जिसकी प्रतिलिपि ग्राम पंचायत मुद्दागांव के सरपंच अमृत लाल भगत को भी भेजी गई है।

यह मामला अब न केवल एक स्थानीय भूमि विवाद का है, बल्कि यह आदिवासी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और संवैधानिक संस्थाओं की सक्रियता से भी जुड़ गया है। आयोग की इस पहल से आदिवासी हितों के संरक्षण को लेकर एक बार फिर गंभीरता सामने आई है।

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