Navratri 2021: इस तरह तैयार करें पारंपरिक कन्या भोज, जानिए इसका तरीका

इन दिनों नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. इन नौ दिनों तक चलने वाले त्योहार में माता दुर्गा की नौ दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान लोगों में गजब का उत्साह होता है. बाजारों और पंडालों में भी बहुत रौनक होती है. माता दुर्गा की पूजा हेतु श्रद्धालु पंडाल तक आते हैं और माता दुर्गा की पूजा करते हैं. इस पूजा के दौरान माता का भंडारा भी किया जाता है, जो कि प्रसाद के रूप में होता है और इसे श्रद्धालु खाते हैं.

कन्या पूजन एक लोकप्रिय हिंदू पवित्र अनुष्ठान है जो नवरात्रि उत्सव के आठवें और नौवें दिन किया जाता है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि और नवमी तिथि 13 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को पड़ रही है.

हिंदुओं का मानना ​​है कि छोटी लड़कियां सबसे अधिक शुभ और शुद्ध आत्मा वाली होती हैं, जिनमें बड़ी स्त्री की क्षमता होती है और इसलिए उन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है. माता दुर्गा के सम्मान के प्रतीक के रूप में, नौ कंजकाओं का स्वागत करने का इस दौरान एक अनुष्ठान होता है. इस दिन भक्त पैर धोते हैं, माथे पर रोली लगाते हैं और उन्हें भोजन, उपहार और नकद देते हैं.

इस शुभ दिन को मनाने के लिए, कन्याओं को परोसने के लिए बिना प्याज और लहसुन के विशेष भोजन तैयार किया जाता है. इस दिन व्यंजन का अत्यधिक महत्व होता है जिसमें मसालेदार व्यंजन और एक मीठा भी शामिल होता है. कन्या भोज को पवित्र माना जाता है और इसलिए इसे भक्ति और पवित्रता के साथ तैयार किया जाता है.

पूरी

पूरी गेहूं के आटे से बनती है. कन्या पूजन पर इसे बनाकर हलवे के साथ परोसा जाता है.

सूजी का हलवा

ये एक विशेष भारतीय मिठाई है जो सूजी, घी और चीनी से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन है.

काले चने

काले चने जिसे काले चने या बंगाल ग्राम के रूप में जाना जाता है, कन्या पूजन के लिए एक पारंपरिक तैयारी है. ये प्रोटीन से भरपूर होता है और बहुत ही स्वादिष्ट कम वसा वाला व्यंजन है. लहसुन और प्याज से परहेज करना चाहिए.

खीर

कुछ लोग कन्या पूजन पर परोसने के लिए खीर भी बनाते हैं. ये एक प्रसिद्ध भारतीय मिठाई है, जिसे दूध, चावल, चीनी से बनाया जाता है. सूखे मेवे और केसर जोड़ने के लिए ऑप्शनल हैं.

आलू की सब्जी

उबले हुए आलू घी और सारे मसालों के साथ तैयार किये जाते हैं. प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.

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