कोरोना के नए स्ट्रेन से भारत में भी हड़कंप, अब ब्रिटेन से आने-जाने वाले विमानों पर 7 जनवरी तक रोक
ब्रिटेन वाले कोरोना वायरस से भारत में भी हड़कंप मच गया है। 20 लोगों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने ब्रिटेन आने-जाने वाले विमानों पर रोक को कुछ दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस के फैलते के नए स्ट्रेन की वजह से ब्रिटेन से आने वाले और जाने वाले विमानों पर रोक को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 7 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि नागर विमानन मंत्रालय ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वायरस के ज्यादा संक्रामक नए स्वरूप के सामने आने की वजह से ब्रिटेन एवं भारत के बीच विमानों की आवाजाही 23 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक स्थगित रहेगी।
A decision has been taken to extend the temporary suspension of flights to & from the United Kingdom till 7 January 2021: Union Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri pic.twitter.com/LgjsSSLxFM
— ANI (@ANI) December 30, 2020
दरअसल, ब्रिटेन से भारत लौटे कुल 20 लोग सार्स-सीओवी-2 के नए प्रकार (स्ट्रेन) से संक्रमित पाए गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि इन 20 लोगों में मंगलवार को संक्रमित पाए गए छह लोग भी शामिल है। मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) में जांच के दौरान आठ मामले, कल्याणी (कोलकाता के पास) स्थित ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीएमजी) में एक मामला, पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में एक मामला, बेंगलुरू के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान अस्पताल (निमहांस) में सात मामले, हैदराबाद के कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में दो मामले और दिल्ली के जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में एक मामला सामने आया।
मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि ब्रिटेन से आए छह लोग वायरस के नए प्रकार से संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके सम्पर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, ‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।’ उसने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।
मंत्रालय ने बताया कि 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर के बीच करीब 33,000 यात्री ब्रिटेन से भारत के विभिन्न हवाईअड्डों पर पहुंचे। इन सभी यात्रियों का पता लगाया जा रहा है और केन्द्र तथा राज्य सरकार इनकी आरटी-पीसीआर जांच करा रही है। भारत ने विषाणु के उत्परिवर्तित प्रकार (म्यूटेंट वेरिएंट) का पता लगाने तथा इसे रोकने के लिए एक अग्र-सक्रिय रणनीति तैयार की है। इसमें 23 दिसम्बर की मध्यरात्रि से 31 दिसम्बर तक ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकने और ब्रिटेन से लौटे सभी हवाई यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य करना शामिल है।