
छात्र हितों की रक्षा के लिए एनएसयूआई ने मंगलवार को पूर्व विधायक विकास उपाध्याय की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय के नेतृत्व में एक बड़े हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। यह अभियान एनआईटी फूड कोर्ट हटाने के भाजपा सरकार के निर्णय के विरोध में NIT कैंपस के सामने चलाया गया।
एनएसयूआई का कहना है कि भाजपा सरकार ने छात्रों की जरूरतों और सुविधाओं को दरकिनार करते हुए फूड कोर्ट को अचानक ध्वस्त कर दिया, जिससे न सिर्फ छात्रों को सुरक्षित और किफायती भोजन की सुविधा से वंचित किया गया, बल्कि यहाँ काम करने वाले दर्जनों दुकानदारों का रोज़गार भी छिन गया।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस कार्रवाई को “युवा-विरोधी” बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने छात्रों के लिए एक सुव्यवस्थित और उपयोगी फूड ज़ोन तैयार किया था, जिसे बिना किसी उचित कारण के हटा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दुकानदारों के रोजगार पर किया गया यह प्रहार किसी भी तरह न्यायोचित नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने भी भाजपा सरकार पर छात्रों की सुविधाएँ खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में बनाया गया स्टूडेंट फूड हब रोज़ाना हज़ारों छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ता भोजन उपलब्ध कराता था, लेकिन भाजपा सरकार को यह व्यवस्था नागवार गुज़री।
एनएसयूआई ने घोषणा की है कि यह हस्ताक्षर अभियान अब शहर के विभिन्न कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों तक विस्तारित किया जाएगा। संगठन ने स्पष्ट किया कि छात्रों और दुकानदारों के साथ हुए ‘अन्याय’ के खिलाफ यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक फूड कोर्ट बहाल नहीं किया जाता या उसका संतोषजनक विकल्प उपलब्ध नहीं कराया जाता।














