
धौंराभांठा क्लस्टर में “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा : जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत 3 जून 2025 को धौंराभांठा क्लस्टर में “मोर गांव मोर पानी” महा अभियान के तहत एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जल संरक्षण की दिशा में सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया, जो छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल का हिस्सा है। इस अवसर पर जनपद पंचायत सदस्य ओम प्रकाश बेहरा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिनके प्रेरक नेतृत्व ने कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ और स्वागत प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देते हुए छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना के साथ हुई। इस पवित्र वंदना ने उपस्थित सभी लोगों में एकता और उत्साह का संचार किया। इसके पश्चात, सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों का पुष्प गुच्छों से हार्दिक स्वागत किया गया, जिसने कार्यक्रम को एक उत्सवपूर्ण और गरिमामय शुरुआत प्रदान की। इस स्वागत समारोह ने स्थानीय नेतृत्व और समुदाय के बीच एक मजबूत जुड़ाव को दर्शाया।
प्रशिक्षण का स्वरूप और तकनीकी प्रस्तुति
“मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण की तकनीकों को बढ़ावा देना और स्थानीय स्तर पर जल प्रबंधन को सुदृढ़ करना था। प्रशिक्षण का संचालन तकनीकी विशेषज्ञ दिलीप सिंह सिदार ने किया, जिन्होंने प्रोजेक्टर और पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से जल संरक्षण की आधुनिक और व्यावहारिक तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी।
प्रशिक्षण में वर्षा जल संचयन, सोख्ता गड्ढों का निर्माण, जल संरक्षण संरचनाओं का विकास, और जल के कुशल उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। सिदार ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप जल संरक्षण के उपायों को लागू करने के लिए प्रेरक उदाहरण और तकनीकी दिशानिर्देश प्रस्तुत किए। उनकी प्रस्तुति ने प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें अपने गांवों में इन उपायों को लागू करने के लिए प्रेरित भी किया।
प्रशिक्षण के एक विशेष खंड में सभी प्रतिभागियों ने जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शपथ ली। इस शपथ समारोह ने उपस्थित लोगों में जल संरक्षण के प्रति एक गहरी जिम्मेदारी का भाव जागृत किया, और यह संकल्प लिया गया कि प्रत्येक गांव इस अभियान को एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएगा।
आयोजन में कुशल मार्गदर्शन
कार्यक्रम का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी प्रफुल्ल किंडो के कुशल मार्गदर्शन और समन्वय में किया गया। किंडो ने विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने और प्रशिक्षण को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दूरदर्शिता और संगठनात्मक कौशल ने इस कार्यक्रम को एक आदर्श और परिणामोन्मुखी आयोजन बनाया।
प्रतिभागियों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
इस प्रशिक्षण में धौंराभांठा क्लस्टर की 21 पंचायतों के सभी सचिव, सरपंच, और समूह प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इतनी व्यापक भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि अभियान की जानकारी और रणनीतियां ग्राम स्तर तक प्रभावी ढंग से पहुंचेंगी। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें धौंराभांठा सरपंच श्रीमती सुकांति सिदार, जांजगीर सरपंच श्रीमती भगवती राठिया, टांगरघाट सरपंच तीरथ प्रसाद राठिया, सारसमाल, सरपंच शिवलाल भगत, गौरबाहरी, सरपंच श्रीमती मिथिला सिदार, पडिगांव सरपंच श्रीमती सुभद्रा राठिया, तिहलीरामपुर सरपंच रमेश राठिया शामिल थे।
इन जनप्रतिनिधियों ने न केवल अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की, बल्कि स्थानीय जल संकट की चुनौतियों और समाधानों पर विचार-विमर्श में भी सक्रिय योगदान दिया। उनकी भागीदारी ने यह स्पष्ट किया कि स्थानीय नेतृत्व इस अभियान को अपने गांवों में लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अभियान का व्यापक महत्व
“मोर गांव मोर पानी” अभियान छत्तीसगढ़ सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। हाल के समाचारों के अनुसार, इस अभियान ने बलौदाबाजार, धमतरी और अन्य जिलों में एक जन आंदोलन का रूप लिया है, जहां ग्रामीणों ने सोख्ता गड्ढों और जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण में सक्रिय योगदान दिया है। धौंराभांठा में आयोजित यह प्रशिक्षण इस महाअभियान को और गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ।
जल संरक्षण के क्षेत्र में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का महत्व अतुलनीय है। ये न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि समुदायों में जागरूकता और सामूहिक जिम्मेदारी का भाव भी विकसित करते हैं। हाल के अध्ययनों और समाचारों से यह स्पष्ट है कि इस तरह की पहल भू-जल स्तर में सुधार और दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान दे रही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
इस प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप, धौंराभांठा क्लस्टर की पंचायतों में जल संरक्षण की पहल को और बल मिलने की उम्मीद है। प्रतिभागियों को अब वर्षा जल संचयन प्रणालियों, जल संरक्षण संरचनाओं, और जल के दक्षतापूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यह अपेक्षा की जाती है कि ये प्रयास स्थानीय स्तर पर जल संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम प्रकाश बेहरा ने अपने संबोधन में कहा, “जल संरक्षण हमारे गांवों के लिए केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक जीवंत आवश्यकता है। ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान के माध्यम से हम अपने गांवों को जल संकट से मुक्त और पर्यावरणीय रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।” उनके ये शब्द उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
निष्कर्ष
धौंराभांठा क्लस्टर में 3 जून 2025 को आयोजित “मोर गांव मोर पानी” अभियान का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जल संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ। तकनीकी विशेषज्ञता, सामुदायिक भागीदारी, और स्थानीय नेतृत्व के समन्वय से यह आयोजन न केवल जागरूकता बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि ग्रामीण स्तर पर जल प्रबंधन को सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस तरह के प्रयास छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे।
