
धमतरी में राजीव गांधी की मूर्ति का सिर तोड़ने वाला गिरफ्तार, आरोपी बोला- ‘देवी का था आदेश’
धमतरी. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) में पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की मूर्ति तोड़ने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में दुगली के ही एक ग्रामीण को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है. साथ ही वारदात (Crime) में इस्तेमाल हुए टंगिये को भी जब्त किया गया है. आरोपी 37 साल का शिव कुमार नेताम बताया जा रहा है. पुलिस ने शिव कुमार पर शासकीय संपति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. इस वारदात के पीछे का कारण जो आरोपी ने पुलिस को बताया वो बड़ा ही हैरान करने वाला है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. साथ ही उसके मानसिक स्थिति की भी जांच की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपी शिव कुमार ने बताया है कि उसकी आराध्य देवी ने सपने में आकर उसे मूर्ति तोड़ने का आदेश दिया था. देवी के आदेश का पालन करने के लिए ही उसने टंगिया से मूर्ति तोड़ी थी. पुलिस ने बताया कि इस से पहले भी आरोपी कुछ मंदिरों में तोड़ फोड़ कर चुका है, लेकिन पुराने मामलों में ग्रामीणों ने बैठक कर के अपने स्तर पर ही शिव कुमार को दंडित किया और पुलिस तक शिकायत नहीं जाने दी. धमतरी एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि पुलिस अभी आरोपी से और पूछताछ करेगी ताकि इस मामले के पीछे किसी राजनीतिक एंगल का पता किया जा सके.
कांग्रेसियों ने जताया था आक्रोश
बता दे कि इस वारदात के बाद कांग्रेसियों में काफी गुस्सा था. दुगली थाने के बाहर नारेबाजी भी की गई थी. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने खुद मामले का संज्ञान लिया था और एसपी को जल्द आरोपी को पकड़ने के निर्देश दिए थे. बीते गुरुवार 28 अक्टूबर की रात शिव कुमार ने टंगिया मार कर मूर्ति तोड़ दी थी. सुबह लोगों को पता चला उसके बाद थाने में शिकायत की गई थी.
इस गांव में आए थे राजीव गांधी
बता दें कि धमतरी का दुगली गाांव कई बातों के कारण खास है, यहां की सबसे बड़ी खासियत ये है कि राजीव गांधी 1987 में यहां सोनिया गांधी के साथ आये थे. उन्होंने यहां कमार आदिवासी के घर खाना खाया था और दुगली गांव को गोद लेने का ऐलान किया था. 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुगली में राजीव गांधी की आदम कद प्रतिमा लगवाई थी और उसका अनावरण भी किया था. फिलहाल खंडित मूर्ति को जिला प्रशासन ने कपड़े से ढंकवा दिया है. संभव है कि आने वाले दिनों में वहीं राजीव गांधी की दूसरी मूर्ति लगवाई जाए.