हरतालिका व्रत आज : भूलकर भी न करें ये गलती, बिगड़ जाते हैं बनते हुए काम

नई दिल्ली: देशभर में गुरुवार को हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2021) मनाई जा रही है. इस दिन निर्जला रहकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है.

इस दिन मनाया जाता है त्योहार

हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2021) हर साल भाद्रपद की तृतीया को मनाई जाती है. कजरी और हरियाली तीज के बाद हरतालिका तीज का आगमन होता है. इस दिन भूखे-प्यासे रहकर भगवान भोले शंकर की आराधना करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का लाभ मिलता है. जिसका शुभ प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है.

जान लीजिए व्रत के ये नियम

अगर आप भी हरताल‍िका तीज (Hartalika Teej 2021) पर व्रत रख रहे हैं तो उसके नियमों का पालन करना जरूरी हो जाता है. ऐसा न करने पर आपको व्रत का पूरा लाभ नहीं मिलता. इस व्रत में कई ऐसे कामों की सख्त मनाही की गई है, जिन्हें आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

व्रत के दौरान भूलकर भी न सोएं

इस व्रत में सोने की मनाही होती है. इसलिए व्रत के दौरान भूलकर भी सोना नहीं चाहिए. व्रत रखने वाली महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए. साथ ही सुहाग का सामान सुहागिन महिलाओं को दान करना चाहिए. व्रती महिलाओं को रातभर जागकर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए.

हर साल रखना होता है व्रत

अगर आपने हरताल‍िका तीज (Hartalika Teej) का व्रत एक बार शुरू कर दिया है तो आपको हर साल इसे रखना होगा. अगर किसी साल बीमार हैं तो व्रत छोड़ नहीं सकते. ऐसे में आपको उदयापन करना होगा. जिसके तहत आपकी ओर से आपकी सास, देवरानी या जेठानी यह व्रत रख सकती हैं.

24 घंटे तक रहते हैं निर्जला

यह व्रत पूरे 24 घंटे का होता है. इस दौरान अन्न, जल, फल कुछ नहीं खाना होता. चतुर्थी तिथि यानी अगले दिन व्रत को खोला जाता है. ऐसे में पारण विधि के अनुसार ही व्रत का पारण करना चाहिए.

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) पर तृतीया तिथि में ही पूजन करना चाहिए. तृतीया तिथि में पूजा गोधली और प्रदोष काल में की जाती है. चतुर्थी तिथि में पूजा मान्य नहीं होती. उस दिन व्रत का पारण किया जाता है.

हमेशा एक जैसे नियमों का पालन

पहली बार व्रत रखने वाली नवविवाहिताएं जिस तरह का नियम बना लेंगे. उन्हें हमेशा उन्हीं नियमों के तहत व्रत रखना होगा. अगर आपने निर्जला व्रत का फैसला किया है तो फिर हमेशा निर्जला व्रत ही रखना होगा. आप इस व्रत के दौरान पानी तक नहीं पी सकते.

ये है व्रत का शुभ मुहूर्त

सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है. वहीं प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक है.

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