स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन


कोयला से भरे वाहनों पर शहर प्रवेश पर रोक लगाने की मांग

भारी वाहनों की आवाजाही से बड़ा हादसा होने का अंदेशा
धरमजयगढ़। शहर में यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी नाराजगी देखा जा रहा है स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर आज बंग समाज कल्याण समिति के बैनर तले शहर वासियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है ज्ञापन में कोयले से भरे वाहनों पर शहर प्रवेश को लेकर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। शहरवासियों का कहना है कि कोयले से भरे वाहन और उनकी तेज रफ्तार की आवाजाही से शहर में बड़ा हादसा होने का खतरा बढ़ गया है। विदित हो कि 22 मार्च 2022 से जामपाली एसईसीएल खुली खदान से कोयला लोड करते हुए रायगढ़ रोड से कई गांव होते हुए नगर पंचायत धरमजयगढ़ के बीच से होते हुए खरसिया से धरमजयगढ़ रोड के रेलवे स्टेशन प्रेम नगर मे कोयला डंपिंग किया जा रहा है। धरमजयगढ़ विकासखंड के अलग-अलग गांव के हजारो की संख्या में स्कूली छात्र धरमजयगढ़ के आत्मानंद स्कूल, गल्स स्कूल, सिटी पब्लिक स्कूल,उरशु लाईन इंग्लिस मीडियम स्कूल, ज्योति बिद्या मंदिर, सहित अन्य और कई प्राइबेट स्कूल में बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं। स्कूल आने जाने के समय भारी वाहन और वाहनों की तेज रफ्तार स्कूली बच्चों के लिए खतरे का सबब बना हुआ है। वाहनों की तेज रफ्तार तथा उनसे गिरने वाले डस्ट अक्सर स्कूली बच्चों के ऊपर गिरता है तथा जर्जर सड़कें और सड़कों पर उड़ती धूल से भी स्कूली बच्चे और राहगीर परेशान है इसलिए शहरवासियों की मांग है कि इन वाहनों पर स्कूली बच्चों के आने जाने के वक्त रोक लगाई जाए।


सड़क हादसों को लेकर लोग हो रहे हैं सचेत

रायगढ़ जिले में सड़क खाते की घटनाएं प्रदेश में अव्वल है हाल ही में कई घटनाएं से सामने आई है जिसमें तेज रफ्तार की चपेट में आने से स्कूली बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी है ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए धर्मजयगढ़ से सामाजिक कार्यकर्ता एवं जागरूक नागरिक सचेत है एवं हादसों को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल कर रहे हैं इन दिनों जाम पाली एसईसीएल की खुली खदान से निकलने वाली कोयले की गाड़ियां हादसों को न्योता दे रही है।पिछले दिनों छाल क्षेत्र में कोयले की गाड़ी से एक महीने के अंदर 3 ग्रामीणों का मृतु हो चुका है। जिस तरह धर्मजयगढ़ शहर के बीचो बीच बड़ी गाड़ियों का आवागमन देखा जा रहा है उससे सहज ही या संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने जाने वाले स्कूली बच्चे वाहन चालकों की लापरवाही से किसी बड़े हादसे के चपेट में आ सकते हैं।
स्वच्छ वातावरण पर सबका अधिकार

देश के कानून और संविधान ने सब को स्वच्छ वातावरण में जीने का अधिकार दिया हुआ है परंतु औद्योगिकरण और विकास के नाम पर हो रहे पर्यावरण के नुकसान से लोगर प्रदूषण के चपेट में आने लगे हैं इन दिनों धरमजयगढ़ में धूल डस्ट और कीचड़ ने शहर और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का वातावरण निर्मित कर दिया है। स्कूली बच्चे कोयले के डष्ट से प्रदूषण की मार झेल रहे है। आर्टीकल 21 के तहत स्कूली बच्चे सहित आम लोगो को स्वच्छ वातावरण में जीने का अधिकार है। उनके हक को छीनते हुए जामपाली एसईसीएल खुली खदान से लगभग 300 हाईबा कोयले रोजाना परिवहन किया जा रहा है। इन गाड़ियों से उड़ रहे डष्ट से बहुत जल्द स्कूली बच्चे के बीमार होने की संभावना तथा तेज रफ्तार के कारण किसी बड़े हादसे होने की संभावना से लोग सहमे सहमे हुए हैं।

स्कूल आने जाने के वक्त थमा जाएं पहिये

बंग समाज कल्याण समिति के बैनर तले सौंपे गए ज्ञापन में शहर के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक मंडल, सजल मधु ,काजल विश्वास, मुन्ना माली, उत्तम पाल ,गणेश सरकार, विनाय मंडल, संजू विश्वास, विक्की पांडेय, रिक्की अग्रवाल, भीम बैरागी, मुकेश हलदार, गगन मंडल ,अमित आनंद सपन मंडल राजू प्रधान, अनिल सरकार,सुबिर बिसवास,महाबीर बिसवास,बाबुल मंडल,संजय तहशीलदार,संजय सरकार सहित अन्य शहर वासियों ने स्कूली बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल आने जाने के वक्त दिन सुबह 7 बजे से 8 बजे,11 बजे 1 बजे और साम 4 बजे से 5 बजे तक कोयला की गाड़ी को नगर पंचायत एवं शहरी क्षेत्र के बाहर ही रोके जाने की मांग की है ।शहरवासियों की का कहना है कि स्कूल आने जाने के वक्त भारी वाहनों के पहिए शहर के बाहर ही थम जाए जिससे स्कूली बच्चों के साथ किसी प्रकार का अनहोनी होने का खतरा ना रहे।

क्या कहते हैं शहरवासी

इस संबंध में मीडिया से चर्चा करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दीपक मंडल एवं बंग समाज कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष सजल मधु ने संयुक्त रुप से बताया कि शहर की सड़कें जर्जर स्थिति में है जिस पर कोयले से भरी तेज रफ्तार वाहन अंधाधुन दौड़ रही है शहर में लगभग 4 हजार से भी अधिक स्कूली बच्चे विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और हमेशा ही स्कूली बच्चों के साथ किसी अप्रिय घटना घटित होने का खतरा बना रहता है जिसको देखते हुए स्कूल के निर्धारित समय पर भारी वाहनों का आना-जाना शहर में उचित नहीं है इसीलिए स्कूल के वक्त भारी वाहनों को सुरक्षा की दृष्टि से शहर के बाहरी रोका जाना चाहिए।

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