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किसान विरोधी कृषि क़ानून के खिलाफ रायगढ़ किसान नागरिक संयुक्त मोर्चा एक दिवसीय सामूहिक उपवास 25 दिसम्बर को

रायगढ़ :- किसान ज़ब हर मुसीबत को झेल कर, हर दिक्क़तों को हराकर अपनी फ़सल को सींचता है। है तब हमें भरपूर पेट भोजन प्राप्त होता है। ज़ब किसानों के हितों की रक्षा ही नहीं होगी तो किसान अपने खाद्यनों को जबरदस्ती उद्योगपतियों को उनके निर्धारित मूल्यों में बेचना बजबूरी हो जाएगा।

केंद्र सरकार के क़ृषि विरोधी बिल के खिलाफ अब सब जगह विरोध हो रहा है। लोग कड़ाके की सर्दी में जहाँ अपने घरों में दुबके हुए हैं वही लाखों किसानों ने इसके विरोध में रोड़ पर सामूहिक विरोध पर्दशन कर रहे हैं।

लेकिन केंद्र सरकार की असंवेदनशील मोदी सरकार ने अपनी किसान विरोधी नीति से सभी किसानों के हितों की बलि अपने कॉरपोरेट आकाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किसान बिल लाया है जिसका सभी किसान विरोध कर रहे हैं। लगता है की केंद्र की किसानों के प्रति संवेदना मर चुकी है। जो किसानों के लाखों लाख तादाद की अनदेखी करते हुए अपने आकाओं को खुश करने के लिए अपने मकसद में अड़े हुए हैं।

वही बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहाँ भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है भूपेश बघेल जी ने किसानों को पहली प्राथमिकता में रखा है और उनकी हर तरह से खुशहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं। चाहे किसानों की कर्ज माफ़ी हो या 2500₹ में समर्थन मूल्य में धान खरीदी हो। भूपेश सरकार हमेशा किसनों के हितों की रक्षक बनी हुई है।

केंद्र सरकार की किसान विरोधी बिल के विरोध में कल रायगढ़ किसान नागरिक संयुक्त मोर्चा ने एक दिवसीय सामूहिक उपवास कर केंद्र सरकार की किसान बिल का विरोध करने का निर्णय लिया है। जिसका आयोजन गांधी प्रतिमा के पास किया जाएगा।नगेन्द्र नेगी,लल्लू सिंग,नवीन पटेल,राजेश नायक,जेठूराम मनहर,संतोष अग्रवाल,अनिल अग्रवाल,सतपाल बग्गा,नारायण घोरे,हरविंदर चौधरी,फत्तेचंद पटेल,रामकुमार पटेल,प्रमोद पटेल, राहुल शर्मा प्रदीप मिश्रा,यतीश गांधी,मनोज सागर,संदीप अग्रवाल,भुवाल शुक्ला, रानू यादव,कौशिक भौमिक,संजय देवांगन, ने सभी किसान हितैसियों से आग्रह किया है कि इस किसान विरोधी बिल के खिलाफ लामबंद हो। और इस बिल को वापस लेने के लिए मजबूर करें।

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