फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ में छत्तीसगढ़ की बेटी ऐश्वर्या राज ने निभाया अहम किरदार, बताया परदे की पीछे की कहानी

रायपुर: सुपरस्टार अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म सम्राट पृथ्वीराज 3 जून को रिलीज हो चुकी है। सम्राट पृथ्वीराज घरेलू सिनेमाघरों में हिन्दी में 3550 स्क्रीन्स और तमिल व तेलुगु के लिए 200 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है। इस फिल्म ने एडवांस बुकिंग से करीब 3.43 करोड़ रुपये कमाए थे। इसके चलते फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। फिल्म को अच्छी संख्या में दर्शक मिले और समीक्षकों ने इसे सराहा।

इस फिल्म में छत्तीसगढ़ की बेटी ऐश्वर्या राज भाकुनी ने अहम रोल प्ले किया है। ऐश्वर्या ने फिल्म में मानुसी मानुषी छिल्लर यानि संयोगिता की बहन का किरदार निभाया है। फिल्म में ऐश्वर्या का नाम रागिनी है। फिल्म में काम के अनुभव को लेकर ऐश्वर्या राज ने बताया कि कैसा रहा अनुभव।

हिस्टोरिकल फिल्मों में हाथी घोड़े भाला तलवारें होती है, आपको ये फिल्म करने में कैसा अनुभव हुआ?
अनुभव बहुत ही अच्छा रहा, हालांकि ये मेरा पहला अनुभव नहीं था। इससे पहले भी मैंने जो टीवी शो किए हैं, वो भी हिस्टोरिकल और मैथोलॉजिकल किए हैं। तो मेरी सारी ट्रेनिंग मेरे टीवी शो ने कर के फिल्म को शौंप दिया। इसलिए ये मेरी लिए बहुत आसान हो पाया, क्योंकि मेरी ट्रेनिंग बहोत अच्छी थी।

हिस्टोरिकल फिल्मों में बहार के सीन्स होते हैं, पूरा एक माहौल बनाना होता है, इसके लिए कई बार बाहर की जगहों पर शूट करना और आप इतने बड़े बैनर और स्टार्स के साथ काम कर रही थी ऐतहासिक फील में, जिसमे कई तरह की दिक्कतें दिखने को मिलती है। अभी फिल्म के नाम को बदलाव दिया गया, तो ऐसे ही आपको कोई परेशानी का सामना करना पड़ा हो?
नहीं, ऐसा कुछ नहीं था, एक्चुअली सारा शूट मुंबई में यशराज स्टूडियो में ही हुआ, जो कि सब आसानी से हो गया। और जो हमारे को एक्टर्स थे वो बड़े अच्छे नेचर के थे। बहुत हंसी खेल और मज़ाकिया मिजाज के थे। तो वो जब सेट पी आते थे, तो कोई दबाव नहीं होता था और सब अच्छे से हो जाएगा ये भरोसा होता था। जहां तक नाम की बात है, तो पहला नाम भी बहुत अच्छा था, क्योंकि पृथ्वीराज मेरे फेवरेट एक्टर रहे हैं और वो हमारे इतिहास के इतने बाड़े राजा रहे हैं तो नाम के आगे सम्राट लगाना भी चार चांद लगाता है।

तो क्या आप मानती है सम्राट लगाना चाहिए था लेकिन डारेक्टर या प्रोडक्शन से गलती हुई है?
नहीं, ऐसा नहीं है गलती नहीं हुई है, क्योंकि मुख्य किरदार पृथ्वीराज जी ही हैं। फिर वो चाहे पृथ्वीराज चौहान हो, पृथ्वीराज हो या फिर सम्राट पृथ्वी राज चौहान हो। तीनों ही नाम मुझे सही लगे, जनता के भाव पृथ्वीराज से जुड़े हुए हैं, तो उन्होंने हमें एक सजेसन दिया है कि, सम्राट लगाना चाहिए, अब सम्राट लग गया है तो और भी चार चांद लग गए हैं।

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