Raigarh News : एक नजर रायगढ़ लोकसभा चुनाव पर अब तक कौन क्या पाया क्या खोया?
Raigarh News : रायगढ़ : शनै शनै मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, परंतु पार्टियों की गतिवधि नजर नही आ रही है। कुछ महीने ही पहले विधानसभा चुनाव हुवे तब चुनाव की गतिविधियां को याद करे तो अभी की चुनावी गर्मी भरी गर्मी में ठंडी नजर आ रही है जो बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर रही है। क्या यह रायगढ़ विधानसभा सामान्य और रायगढ़ लोकसभा आदिवासी होने का फर्क कारण है, या प्रत्याशी का चेहरा कारण है। आज के दिन चुनाव को देखे तो कही कुछ नजर नहीं आ रहा है, विभिन्न राजनीतिक दल घर घर जाकर संपर्क करके अपने लिए वोट मांगते रहे है, साथ ही मतदाता पर्ची घर घर जाकर वितरित किया करते थे,परंतु न तो कांग्रेस और न ही भारतीय जनता पार्टी ने पर्ची घर घर पहुंचाने की कवायद प्रारंभ अभी तक नही की है। यह कही न कही चुनावी प्रबंधन की कमजोरी कही जावेगी। वही ऐसा भी समझ में आ रहा है की भारतीय जनता पार्टी अति आत्म विश्वास में है और उनके आला नेता का प्रचार प्रसार दिख तो रहा है लेकिन कही न कही नाकाफी साबित हो रहा है ऐसा प्रतीत होता है की ढीला ढीला है।कांग्रेस को तो जी जान से चुनाव में ताकत झोकनी चाहिए, परंतु समर्पित कार्यकर्ताओं की कमी ही कारण हो सकता है। जोक समर्पित कार्यकर्ता है उनको दरकिनार किया जा रहा है और कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी डॉक्टर मेनका सिंह की रवैया रायगढ़ लोकसभा चुनाव को लेकर ढीला डाला ही दिखाते नजर आ रहा है समर्पित कार्यकर्ता को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर करें तो क्या करें क्योंकि कांग्रेसी प्रत्याशी को सिर्फ और सिर्फ अपने आप पर भरोसा है
Raigarh News : रायगढ़ लोकसभा में 8 विधानसभा आती है,उसमें 4विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है 4 विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं, याने बराबर बराबर की पोजीशन है, बड़त सिर्फ राज्य में भाजपा की सरकार है। रायगढ़ विधानसभा में जो बड़त मिलेगी उसी पर लोकसभा का नतीजा तय होगा,2019 के लोकसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा में 50हजार की लगभग लिड मिली थी, उसी से चुनावी नतीजा निर्धारित हुए थे। इस बार भी ऐसा ही होगा चुनावी गलियारे में यह चर्चा व्याप्त है। इसके साथ साथ अंतिम दिनों में चुनावी हलचल और चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों की रणनीति पर रिज़ल्ट निर्भर रहने वाला है।