रायगढ़

Raigarh News: शहर में विभागों की मेहरबानियों का दौर जारी तेंदुए के खाल मामले में भी चुप्पी …. क्या मामला झोल झाल है… क्या आरोपी को बचाने की की जा रही है कोशिश

Raigarh News : रायगढ़। आज कल शहर से लेकर जिले भर में मेहरबानियों का दौर चल रहा है एक तरह कार्मेल कान्वेंट स्कूल पर जिला शिक्षा विभाग मेहरबान है तो दूसरी तरफ में शहर में सबको अचंभित करने वाले तेंदुए के खाल के मामले में कई दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी तक विभाग नहीं पहुँच पाया है जबकि भाग के द्वारा वारंट वारंट खेला जा रहा है जबकि आरोपि के घर से तेंदुए का खाल बरामद किया गया था उसके बाद भी वन मंडल रायगढ़ की मेहरबानी को ही दर्शाता है जबकि वन मंडल रायगढ़ अभी तक यह भी नहीं पता कर पाई की आरोपी एक था या एक से ज्यादा ज्यादा, तेंदुए का शिकार कहां से किया गया, आरोपी के घर वाले इस मामले को छुप क्यों है, और तेंदुए का खाल कब घर लाया गया था, क्या वन विभाग को आरोपी के घर वालों से सख्ती से पूछ ताछ कर रहा है , लेकिन अभी तक पूरे मामले में कोई करवाई देखने को नहीं मिला है कहीं ना कहीं पूरे मामले में झोल-झाल का चर्चा शहर में जोरों पर है क्योंकि खबर यह भी आ रही है कि आरोपी शहर का नाम चिन और पैसे वाला है

 

 क्या है पूरा मामला :

2 मई को रायगढ़ सिटी कोतवाली के समीप जहां आरोपी के घर से तेंदुए का खाल वन विभाग रायगढ़ ने बरामद किया शिकार करने वाले तेंदुए की खाल अभी भी कच्चा है विभाग इस मामले की विवेचना कर रहा है

लेकिन यहां पर यह बताना लाजमी होगा कि किसी वन्य प्राणी को मारते हैं तो भी उस प्राणी की हत्या हो आरोप लग सकती है लेकिन तेंदुवा शिकार के मामले में अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि तेंदुए के शिकार को कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता है ना कहीं इस तेंदुए के शिकार में और भी लोगों के जुड़े होने की संभावना है लेकिन विभाग इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है क्योंकि विभाग यह भी नहीं बताने को तैयार है कि आखिर व तेंदुआ का खाल आया कहां से आया है क्योंकि जब इस तेंदुए की खाल का यह जानकारी मिलेगी कि यह तेंदुआ कहां से इसका शिकार हुआ है तब आगे की विवेचना और भी गंभीरता पूर्ण हो जाती है और इस मामले में कहीं ना कहीं खुलासा होने की संभावना अत्यधिक हो जाती है ऐसा करके कहीं ना कहीं आरोपी को बचाने का भरपूर प्रयास सबधित विभाग के द्वारा किया जा रहा है।

 

Raigarh News : वही विभाग का कहना है की दो बार नोटिस के बावजूद आरोपी नहीं आया लेकिन सवाल यह बनता है की क्या कोर्ट से वारंट जारी नहीं करना चाहिए था

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