ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने किसानों का भुगतान की मांग की है–


पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-14.6.22
मक्का खरीदे में करोड़ों रुपयें की भुगतना के मांग पर राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम पखांजूर में सौपा ज्ञापन ।
पखांजूर–
ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने किसानों से नगद में कोचिया व्यापारी ने मक्का खरीदे और करोड़ों रुपयें की भुगतना नहीं करने की समस्या समाधान करने के मांग पर अनुविभागीय अधिकारी रा. पखांजुर के हाथों सौपा ज्ञापन।
ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने कहाँ कि यह गंभीर समस्याओं को लेकर शासन-प्रशासन के समक्ष आवेदन-निवेदन वर्तालाप ,कोचिया किसान संगठन, अनुविभागीय आधिकारी (रा.) ,विधायक, जनप्रतिनिधि ,तहसीलदार, कृषि विकास अधिकारी आदि से विरामहीन बार- बार विभिन्न चेतवानी देते रहें। शासन- प्रशासन लापरवाही करते रहे क्षेत्रों के किसानों कों करोड़ों रुपयें कि नुकसान होंगे। आज क्षेत्रों कि लगभग 600 किसानों का लगभग 7 करोड़ों रुपयें की असहनीय दर्द झेल ने मजबूर किया।खाद,बीज किटनाशक गुणवत्ता हीन अतिरिक्त किमत में किसानों को खरीदने पढ़ते है।अधिक लागत कि फहल कम किमत में बेचने पढ़ते है।उसके बाद फसल बिक्री का रुपये लेकर भाग रहे है या शासन-प्रशासन के सामने छिना ताने किसानों को ही दोष दे रहे है।यही चल रहा है परलकोट के किसान नागरिकों के साथ।”चोर उल्टा कोतवाल को डाटे”।जिसे लेकर क्षेत्रों की शांत किसान आज आक्रोशत ,उग्र आन्दोलन करने मजबूर है।किसानों की लगभग 7 करोड़ रुपये तत्काल शासन-प्रशासन भुगतान करेने की मांग किया है।परलकोट क्षेत्रों में वर्षों से किसानों को कुछ-कुछ कोचिया व्यापारी किसानों के घर – घर से नगद मे मक्का खरिदने के पश्चात भुगतान किये वगैर ही धान /मक्का बाहर बिक्री करने की अनुमति पखांजूर मण्डी से कोचियाओं को दे देते है ।मण्डी की पारमिट में स्पष्ट लिखा होता है कि मण्डी ने किसानों से जानकारी हासिल की किसानों के मक्का फसलें बिक्री का उधारी व बकाया नहीं है। मण्डी कागज के बलबुते कोचिया व्यापारी देश- दुनिया में परलकोट की मक्का तमाम मण्डियों में बिक्री कर के दिन तिनगुना रात चौ गुना संपत्ति का मालिक बन रहे है।
ब्लॉक सचिव अनिमेष विश्वास, उपाध्यक्ष दिलीप विश्वास, कोषाध्यक्ष महेश मण्डल आदि ने कहां कि शासन-प्रशासन को ठेंगा दिखा कर किसानों को लूट रहे कुछ – कुछ कोचिया व्यापारी ।मजबुरी में किसान पारिवारिक
,दैनिक जीवन शैली एवं आवश्यकता की पूर्ती व पुनः नये फसल उत्पादन हेतू कोचिया के हाथों मक्का बिक्री करते है।क्योंकि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य में या स्वामीनाथन आयोग के सी- 2 के फर्मूले के आधार मानकर फसले खरीदी की आजतक गारंटी नहीं किया। मण्डी की लापरवाही, शाशन- प्रशासन आंख मुंदकर रहना के कारण ।कोचिया व्यापारी व्यपारी बेखौफ मक्का की खरीद कर किसानों को शोषण कर रहे है।कोचिया व्यापारी किसानों की बकाया राशि भुगतान किये वगैर ही क्षेत्रों से भाग जाने कि कोशिश की।किसानों के हाथो मक्का फसल बिक्री की फूटी कौड़ी नहीं मिले।आज हजारों किसानों फुटपाथ पर आ गये ।