रायगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता, लापता नाबालिग बालिका बेमेतरा से सुरक्षित बरामद

लापता बालिका बेमेतरा से दस्तयाब, नाबालिग को भगा ले जाने वाले आरोपी युवक को चक्रधरनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

रायगढ़, 14 दिसंबर । चक्रधरनगर थाना क्षेत्र से लापता नाबालिग बालिका को पुलिस ने जिला बेमेतरा से सुरक्षित दस्तयाब कर लिया है और बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट में न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। मामले में चक्रधरनगर पुलिस की सक्रिय विवेचना और अंतरजिला समन्वय से बड़ी सफलता मिली है।

जानकारी के अनुसार दिनांक 31 जुलाई 2025 को एक स्थानीय महिला द्वारा थाना चक्रधरनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उसकी नाबालिग पुत्री 29 जुलाई 2025 की सुबह घर से बिना बताए कहीं चली गई है। परिजनों ने संदेह व्यक्त किया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाया गया है। रिपोर्ट के आधार पर थाना चक्रधरनगर में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 333/25 धारा 137(2) भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि बालिका किसी सुमीत यादव नामक युवक के संपर्क में थी और मोबाइल के माध्यम से उससे बातचीत करती थी। पुलिस द्वारा बालिका और संदेही युवक की पतासाजी की जा रही थी। इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई कि दोनों थाना बेरला, जिला बेमेतरा क्षेत्र में हैं। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए 12 दिसंबर 2025 को चक्रधरनगर पुलिस की टीम बेमेतरा रवाना हुई, जहां संदेही सुमीत यादव तक पहुंचकर उसके कब्जे से नाबालिग बालिका को सुरक्षित बरामद कर थाना लाया गया।

अपहृता से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सुमीत यादव ने उससे शादी करने का झांसा देकर घर से भगा ले गया था और बेमेतरा में किराये के मकान में रखा हुआ था। बालिका का महिला उप निरीक्षक द्वारा कथन दर्ज कराया गया तथा विधिअनुरूप मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसमें धारा 87,64(2) (एम) बीएनएस, 06 पॉक्सो एक्ट की पुष्टि होने पर धारा विस्तारित कर विवेचना में आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर आरोपी सुमीत यादव पिता जेहारू यादव उम्र 23 वर्ष निवासी थाना क्षेत्र सरिया, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ को गिरफ्तार कर कल न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।

इस संपूर्ण कार्रवाई में प्रभारी थाना चक्रधरनगर उप निरीक्षक गेंदलाल साहू, प्रधान आरक्षक श्यामदेव साहू एवं महिला आरक्षक अनिता बेक की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल एक नाबालिग बालिका को सुरक्षित परिजनों से मिलाया जा सका, बल्कि ऐसे अपराधों के प्रति कड़ा संदेश भी दिया गया है।

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