
📍 सैनिक के हक की ज़मीन कैसे पहुंची व्यापारी तक?
📍 बिना अनुमति, बिना पटवारी रिपोर्ट — रजिस्ट्री सीधे कर दी गई!
📍 भाजपा पार्षद ने सौंपा ज्ञापन, कहा – शासन की योजनाओं से हो रहा खिलवाड़
📍 तहसीलदार ने रद्द किया नामांतरण, उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
📍 एसडीएम और एसपी से मांग की गई उच्चस्तरीय जांच की
रायगढ़ के खैरपुर गांव में सामने आया ज़मीन रजिस्ट्री का एक बड़ा फर्जीवाड़ा, जहां पूर्व सैनिक के नाम की ज़मीन को कागज़ों में पलटकर एक व्यापारी के नाम रजिस्ट्री कर दी गई।
यह ज़मीन शासन द्वारा पूर्व सैनिक को जीवन यापन के लिए दी गई थी —
खसरा नंबर 568/2, 568/6 और 568/7, कुल रकबा लगभग 2.889 हेक्टेयर।
लेकिन भाजपा के वार्ड 15 के छाया पार्षद अंशु टुटेजा ने आरोप लगाया है कि इस ज़मीन की अवैध रजिस्ट्री 22 मई 2025 को व्यापारी अमित अग्रवाल के नाम कर दी गई — वो भी बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के।

न तो पटवारी से चौहद्दी ली गई, न ही कलेक्टर की अनुमति।
फिर भी रजिस्ट्री कर दी गई, और बिक्री नकल भी जारी कर दी गई।
अंशु टुटेजा ने इसे प्रशासनिक मिलीभगत बताते हुए उप पंजीयक तनोज कुमार भू-आर्य पर सवाल उठाए हैं और पुलिस अधीक्षक व एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
जब नामांतरण के लिए मामला तहसीलदार के पास पहुंचा, तो उन्होंने तुरंत इसे खारिज कर दिया।
पटवारी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यह ज़मीन शासन द्वारा 1967 में पूर्व सैनिक को आबंटित की गई थी। कलेक्टर की अनुमति के बिना इसे बेचना गैरकानूनी है।
अब इस पूरे मामले पर रायगढ़ प्रशासन की कार्रवाई और जांच का इंतज़ार है। भाजपा नेता की मांग है कि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी शासकीय ज़मीन का दुरुपयोग न कर सके।