
प्रबंधन और परिजनों के बीच समझौता नहीं, कल धरने की चेतावनी
सक्ती/रायगढ़। आर.के.एम. पावर प्लांट, डभरा में हुए हादसे के बाद अब स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हादसे में मारे गए चारों श्रमिकों का आज दोपहर तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका, क्योंकि मृतकों के परिजनों और कंपनी प्रबंधन के बीच मुआवजे की राशि को लेकर सहमति नहीं बनी है।
मृत श्रमिकों के परिजन फिलहाल रायगढ़ स्थित जिंदल फोर्टिस अस्पताल के सामने इंतज़ार कर रहे हैं, जहाँ हादसे में घायल छह मजदूरों का इलाज जारी है। परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन की ओर से कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा, जबकि हादसे के बाद से ही प्लांट के अधिकारी भी घटनास्थल से गायब हैं।
जानकारी के अनुसार, 40 से अधिक परिजन सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) से रायगढ़ पहुँचे हैं। परिजनों ने खाने-पीने और ठहरने की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर नाराज़गी जताई है। मुआवजे पर सहमति नहीं बनने की वजह से मृतकों का पोस्टमार्टम फिलहाल रुका हुआ है। परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि कल तक उचित समाधान नहीं निकला तो वे आर.के.एम. पावर प्लांट के सामने धरना देंगे।
इस बीच जिला प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखने और बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की बात कही है।
पहली बार प्लांट मालिकों व निदेशकों पर अपराध दर्ज, सक्ती पुलिस की बड़ी कार्रवाई।
पुलिस महानिरीक्षक संजय शुक्ला और पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा के मार्गदर्शन में सक्ती पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आर.के.एम. पावर प्लांट, डभरा हादसे में अभूतपूर्व कार्रवाई की है। औद्योगिक दुर्घटना में पहली बार प्लांट के मालिकों और निदेशकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला : यह दर्दनाक हादसा 7 अक्टूबर 2025 को हुआ, जब बॉयलर सेक्शन की मेंटेनेंस के दौरान 10 मजदूर लिफ्ट से ऊपर जा रहे थे। अचानक 40 मीटर की ऊंचाई से लिफ्ट टूटकर गिर गई, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। हादसे में अंजनी कुमार, मिश्रीलाल और रविंद्र कुमार नामक मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 7 अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए। सभी को तत्काल जिंदल फोर्टिस अस्पताल, रायगढ़ भेजा गया, जहां इलाज के दौरान एक और श्रमिक की मौत हो गई। घटना के बाद मजदूरों और उनके परिजनों ने प्लांट प्रबंधन की सुरक्षा लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया गया कि लिफ्ट की नियमित तकनीकी जांच नहीं की जाती थी, जिसके कारण यह भीषण हादसा हुआ। सक्ती पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल स्थल निरीक्षण किया और प्रारंभिक जांच में गंभीर सुरक्षा चूक और मानक उल्लंघन की पुष्टि पाई। इसके बाद आर.के.एम. पावर जेनरेशन कंपनी के निदेशकों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 106(1), 289 एवं 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अभियुक्तों की सूची…..
कंपनी के निदेशक:
- डॉ. अंडल अरमुगम
- टी.एम. सिंगरवेल
प्लांट के अधिकारी:
- प्लांट हेड एवं एडिशनल डायरेक्टर
- फैक्ट्री मैनेजर सम्मुख राव
- बॉयलर एवं टर्बाइन मेंटेनेंस हेड कमलेश कुमार अग्रवाल
- सेफ्टी ऑफिसर मनोज राउत
- पी एंड एम मेंटेनेंस अधिकारी वेसलीमणि
- लिफ्ट इंजीनियर कृष्णा गौरव
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश जारी किए हैं।
यह मामला राज्य में औद्योगिक सुरक्षा और जवाबदेही को लेकर एक नजीर के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ पहली बार किसी उद्योग हादसे में कंपनी मालिकों और निदेशकों को सीधे आरोपी बनाया गया है।
