Sehat Ki Baat: क्‍या डाइटिंग के दौरान हम खा सकते हैं घी?

नई दिल्‍ली. आजकल शायद ही कोई ऐसा घर हो, जहां पर घी को लेकर दिमागी कसरत न चल रही हो. दिमागी कसरत इस बात को लेकर है कि हमें घी खाना चाहिए या नहीं. इसीलिए आज में आज हम बात करेंगे घी की, घी को खाने से होने वाले फायदों की और घी न खाने से होने वाले नुकसान की. हम घी पर बात करें, उससे पहले आपको बता दूं कि हमारे बॉडी फंक्‍शन के लिए कैलोरीज का खास महत्‍व है. हमारे शरीर को काब्रोहाइड्रेड से 60 फीसदी कैलोरी, प्रोटीन से 12 से 20 फीसदी कैलोरी और फैट से 20 से 35 फीसदी कैलोरी मिलती है.

अब आप इस प्रतिशत से अंदाजा लगा सकती हैं कि फैट या फैटी एसेंसियल एसेस्‍ट वाले फूड का हमारे शरीर में क्‍या महत्‍व है. इसी फैटी एसेंसियल एसेस्‍ट वाले फूड ग्रूप में घी और मक्‍खन भी आता है. अब बात करते हैं घी को लेकर लोगों की धारणाओं की. दरअसल, घी खाने की बात करते ही दो तरह के लोग हमारे सामने आ जाते हैं. पहले वे जो घी पर आस्‍था रखते हैं और घी को आयुर्वेद का वरदान मानते हैं. इनका मानना है कि स्‍वस्‍थ्‍य शरीर और तेज दिमाग के लिए घी खाना बेहद जरूरी है. वहीं, दूसरे वे लोग हैं जो अपनी थाली में घी पसंद नहीं करते हैं.

इस नापसंदगी के पीछे उनका अपना अलग तर्क है, उनका कहना है कि शरीर को बीमारियों का घर बनाना है तो घी खाइए. आप पूछेंगे क्‍यों, तो उनका जवाब होगा कि घी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो आपके हृदय के लिए ठीक नहीं है. कुछ लोग ज्‍वाइंडिस, लीवर, किडनी का डर दिखाकर आपको घी खाने से मना कर देंगे. तो इन लोगों को वसंतकुंज फोर्टिस हॉस्पिटल के न्‍यूट्रीशन डिपार्टमेंट की हेड डॉ. सीमा सिंह का जवाब है कि ‘फैट तो जरूरी है, हर किसी के लिए जरूरी है, हार्ट पेशेंट है तो उसके लिए भी जरूरी है.’ अब यह बात अलग है कि आप फैट घी से ले रहे हैं या मक्‍खन से.

 

क्या दैनिक जीवन का हिस्‍सा बन सकता है घी?
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सीमा सिंह आगे कहती हैं कि “घी हमारी डेली लाइफ का हिस्‍सा बन सकता है. टोटल फैट इंटेक पर यह डिपेंड करता है कि हम पूरे दिन में कितना फैट ले रहे हैं. तो उसका कुछ हिस्‍सा हम घी के तौर पर लिक्विड फार्म में घी ले सकते हैं. उदाहरण के तौर पर उस घी से हम दाल में छौंक लगा लें. अब रोटी पर किसे लगाना है या किसे नहीं लगाना है, वह पर्सनल कंसल्टेशन का मामला है. हां यह जरूर कहा जा सकता है कि सभी लोग घी खा सकते हैं, डाइटीशियन की सलाह पर घी खा सकते हैं. दैट बिल बी पार्ट ऑफ डेली फैट इंटेक.”

अब बात करे हैं कि अगर हम घी या फैटी एसेस्‍ट वाले फूड प्रोडक्‍ट्स को खाना छोड़ दे तो उसके क्‍या नुकसान हो सके हैं. इसपर डॉ. सीमा सिंह कहती हैं कि ‘अगर हम जीरो फैट डाइट लेते हैं तो, ऑफवेसली बॉडी का थर्मोस्‍ट्रेट थोडा सा बिगड़ता है. लिहाजा, सारी चीजें जरूरी हैं, फैट खाना भी जरूरी है. दरअसल, बॉडी में जरूरत के अनुसार फैट नहीं बना पाती है. फैट बॉडी का एसेंसियल एसेस्‍ट है. अगर हम उसको बाहर से फीट नहीं करेंगे, तो हमारी बॉडी की बाकी फंक्‍शनिंग अफेक्‍ट होंगी.

घी न खाने से क्‍या आप हो सकते हैं कुरूप
अगर सिर्फ घी की बात करें तो घी न खाने से घी न खाने से पहले आपकी स्किन खराब होगी, क्‍योंकि स्किन टेस्‍चर फैट से मेंटन होता है, घी से त्‍वचा को मिलने वाला पोषण बंद हो जाएगा. नतीजतन आपकी स्किन ड्राई और कुरूप हो जाएगी. घी या फैटी एसेंसियल एसेस्‍ट वाले फूड प्रोडक्‍ट न खाने से आपकी ब्रेन फंगशनिंग और रिप्रडिक्टिव सिस्‍टम पर भी बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा, फैट नहीं लेने से आपके ‘बॉडी के लिपिड प्रोफाइल, लिवर और डाइजेशन पर भी असर देखा जाता है.

घी या फैटी एसेंसियल एसेस्‍ट वाले फूड प्रोडक्‍ट को लेकर डॉ. सीमा का कहना है कि ‘ फैट का काफी रोल होता है. जो हम लोगों ने केवल फैट को बुरा बना दिया है, लेकिन फैट बुरा नहीं होता है, फैट हमारे लिए काफी सपोर्टिव होता है. हमें यह सीखना है कि हम अच्‍छा फैट कैसे खाएं. हम फीड स्‍वाइल ले सकते हैं, थोड़ा बटर थोड़ा घी सब कुछ ले सकते हैं, क्‍वांटिटी कम रखें. जीरो न करें.’ अंत में हम यही कहेंगे कि अति तो किसी भी चीज की बुरी होती है, लेकिन आप डाइ‍टीशियन की सलाह पर घी खाते हैं तो यकीन मानिए वह नुकसानदायक नहीं, बल्कि फायदेमंद ही होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button