Shanidev In Kundali: कुंडली के इस भाव में बैठे शनि बना देते हैं मालामाल, दिन दोगुनी और रात चौगुनी मिलती है तरक्की

Shani Stithi In Kundali: कर्मफल दाता और न्याय के देवता शनि देव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते हैं. नेक कार्य करने वालों का बेड़ा पार कर देते हैं वहीं, बुरे कर्म वालों को सड़क पर लाने में भी देर नहीं लगाते. शनि के प्रकोप से सिर्फ व्यक्ति ही नहीं देवता भी कांपते हैं. हर कोई अपने जीवन में शनि की कृपा बनाए रखना चाहता है. माना जाता है कि शनि साढ़े साती, ढैय्या और महादशा से पीड़ित लोगों के जीवन में समस्याओं का अंबार लगा रहता है.

शनि से पीड़ित लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से तंगी का सामना करना पड़ता है. वहीं, शनि की जिन लोगों पर कृपा बरसती है, उन्हें रंक से राजा बना देते हैं. आज हम जानेंगे कि शनि के किस भाव में होने पर व्यक्ति पर शनि की कृपा रहती है. इस भाव में शनि का होना लाभकारी माना जाता है. लेकिन इसे दांपत्य जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता. आइए जानें.

कुंडली के इस भाव में शनि का होना

ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि कुंडली के सप्तम भाव में शनि का होना लाभकारी होता है. व्यक्ति को इस दौरान बिजनेस-नौकरी में तरक्की मिलती है. साथ ही, मान-सम्मान बढ़ता है. वहीं, अगर कोई नया बिजनेस आदि शुरू करने का विचार कर रहा है, तो कुंडली में शनि के इस भाव में होने पर शुरू किया जा सकता है. साथ ही, व्यक्ति को पारिवारिक संपत्ति का लाभ मिलता है. व्यक्ति इस दौरान खूब तरक्की करता है.

वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं होता ये भाव

ज्योतिष शास्त्र के अुसार कुंडली में शनि के सप्तम भाव में होना बिजनेस-नौकरी आदि के लिए तो शुभ माना जाता है. लेकिन व्यक्ति के दापंत्य जीवन के लिए शुभ नहीं होता. सप्तम भाव में शनि होने से व्यक्ति का वैवाहिक जीवन तनाव से भरा रहता है. पति-पत्नी में छोटी-छोटी बात पर अनबन होती रहती है. लेकिन शनि के नीच भाव में होने पर व्यक्ति को कामांध होकर व्यक्ति को विचित्र रिश्तों में बांध सकता है. वहीं, अविवाहित लोगों को विवाह में देरी का सामना करना पड़ता है.

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