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ABVP से शुरू की राजनीति, 2019 में पहली बार बने सांसद, जानिए कौन हैं छत्‍तीसगढ़ के नए राज्‍यपाल रमेन डेका

छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रमेन डेका 2009 में असम की मंगलदोई सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार 15वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। डेका ने भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रमेन डेका ने छात्र राजनीति से राज्यपाल बनने तक का सफर पूरा किया है। उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के सलाहकार की भूमिका भी निभाई। राज्यपाल मनोनीत होने के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचे डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ विकास के परिदृश्य में तेजी से उभर रहा है। यहां विकास को नए स्तरों पर पहुंचाने के लिए हम काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद व्यक्त करते हैं। वह केंद्र और राज्य के बीच फैसिलिटेटर की भूमिका निभाएंगे ताकि प्रदेश का विकास तेजी से हो।

उन्होंने कहा कि वह असम और छत्तीसगढ़ के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए भी काम करेंगे। डेका ने कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदेश के विकास को लेकर है। डेका छत्तीसगढ़ में बिश्वभूषण हरिचंदन की जगह राज्‍यपाल बने।

गौरतलब है कि डेका 2009 में असम की मंगलदोई सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार 15वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। वह 31 अगस्त 2009 से मई 2024 तक गृह मामलों की स्थायी समिति में सदस्य रहे।

एक मई 2010 को वह सदस्य लोक लेखा समिति, भारत भूटान संसदीय मैत्री समूह सदस्य, अधीनस्थ संविधान समिति सदस्य, सदन की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति सदस्य, परामर्शदात्री समिति, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और खान मंत्रालय के सदस्य रहे।

इसके बाद 16वीं लोकसभा के लिए 2014 में मंगलदोई लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। इस दौरान वह सदस्य परामर्शदात्री समिति, विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय सदस्य, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत केंद्रीय सलाहकार समिति सदस्य, भारत चीन संसदीय मैत्री समूह सदस्य, चाय बोर्ड के सदस्य रहे।

1 सितंबर 2014 से 31 अगस्त 2018 तक गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्य रहे। 29 जनवरी 2015 को सामान्य प्रयोजन समिति सदस्य बने। 3 जुलाई 2015 को उप समिति और अनुमान समिति सदस्य बने। 1 सितंबर 2018 को विदेशी मामलों संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बने।

दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र में की पढ़ाई

एक मार्च 1954 को असम के सुआलकुची, कामरूप में जन्मे डेका के पिता का नाम स्व. सुरेंद्र नाथ डेका और माता का नाम स्व. चंपाबती डेका था। उन्होंने स्नातक की बीए की डिग्री दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र विषय में प्राग्ज्योतिष कालेज, गुवाहाटी विश्वविद्यालय गुवाहाटी असम से हासिल की। उनका पेशा व्यापार है।

असम में भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे

डेका भारतीय जनता पार्टी के लिए असम में एक तरह से संस्थापक सदस्य के रूप में रहे हैं। असम में उन्होंने पार्टी के लिए कई पदों पर काम किया। 1980 में संस्थापक सदस्य भाजपा, 2005 में प्रवक्ता भाजपा, 2006 में असम का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वह राज्य महासचिव, भाजपा राज्य उपाध्यक्ष, भाजपा महासचिव, भाजपा उत्तर पूर्व समन्वय परिषद और राष्ट्रीय परिषद सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और प्रभारी मेघालय प्रदेश भाजपा बने।

लगातार दो बार सांसद रहे डेका वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व संभाल रहे थे। डेका ने भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी।

इसके बाद पूर्वांचल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महासचिव, होलसेल जनरल मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव, नार्थ ईस्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के सलाहकार जैसे दायित्वों को निभा चुके हैं। वहीं, 1974 से 1975 तक गुवाहाटी विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य रहे।

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