बिहार के यूपीए गठबंधन को 100% मुस्लिम मतदाता आगामी 2024 के चुनाव मत देने वाले नेतृत्व को 12 संसदीय क्षेत्रों की सीट की मांग उठी:- इन्तेखाब आलम

आशीष तिवारी आपकी आवाज रायपुर(छ.ग.)

दिल्लीअखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इन्तेखाब आलम ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर बिहार में मुस्लिम आबादी की उपस्थिति के संदर्भ में संसदीय उम्मीदवारों की सीटों के आवंटन के लिए रोड मैप बनाने का अनुरोध किया।
आलम ने अपने पत्र में कहा कि हम बिहार राज्य की मुस्लिम आबादी की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि बिहार की मुस्लिम आबादी यूपीए गठबंधन की रीढ़ की हड्डी है।
लालू प्रसाद यादव और जदयू के बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार इतने लंबे समय से सत्ता में हैं, इस दावे का मजबूत उदाहरण है।
इन्होंने कहा कि बिना किसी झिझक के मैं यहां बताना चाहूंगा कि 100% मुस्लिम वोट कांग्रेस पार्टी और अन्य गठबंधनों के पक्ष में ही पड़ते हैं।
आप भी कर्नाटक राज्य में वर्तमान विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम वोटों के बारे में इस अनुभव से पार हो गए हैं, जहां मुस्लिम आबादी ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में 100% मतदान किया है।
यहां तक कि मुसलमानों ने भी जेडीएस पार्टी का बहिष्कार किया।यह चलन कर्नाटक राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एकतरफा मतदान की एक नई मिसाल कायम कर चुका है।
यह तथ्य है कि कर्नाटक राज्य में मुस्लिम समुदाय द्वारा सिद्ध किए गए इस नए विकास को कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता है।
इन्होंने कहा कि बिहार राज्य में कुल 40 सीटें हैं जहां मुख्य प्रतियोगी यूपीए गठबंधन बनाम भाजपा होगा।
आलम ने बिना किसी हिचकिचाहट के वास्तविक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कहा कि मैं दृढ़ता से कहूंगा कि मुस्लिम मतदाताओं ने कभी भी विशेष रूप से बिहार राज्य में भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं किया।
कर्नाटक चुनाव की तरह कार्रवाई की नई लाइन तय की गई है और मुस्लिम समुदाय द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक ही मतदान प्रवृत्ति स्थापित की जाएगी, यह मेरा ईमानदार दृष्टिकोण और सोच है।
विशेष रूप से बिहार राज्य में अलग समीकरण है जहां कम से कम 20 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी मुस्लिम आबादी है।आलम ने कहा कि इसलिए, एक बहुत ही जमीनी स्तर का पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि सभी गठबंधन सहयोगी ईमानदारी से एक साथ बैठें और कम से कम 12 संसदीय क्षेत्रों के लिए सीट आवंटन के बारे में चर्चा करें, जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए उनके जनसंख्या अनुपात के आधार पर आरक्षित हों।
इस संबंध में एक शोध आधारित रोड मैप और कार्यप्रणाली पर चर्चा की जानी चाहिए और इसे प्रलेखित किया जाना चाहिए।
बिहार राज्य में पिछड़े वर्ग के वोट बहुत ही कम समय में भाजपा के पक्ष में बहुत तेजी से स्थानांतरित हुए हैं। वोट शिफ्टिंग के ऐसे परिदृश्य के लिए हमें बहुत सतर्क रहना चाहिए जो यूपीए के लिए घातक होगा।
इन्होंने कहा कि मेरा निवेदन है कि जब आप कम से कम 12 सीटों के लिए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उम्मीदवारों पर खुले दिल से विचार करेंगे तो इसका प्रभाव अन्य 28 निर्वाचन क्षेत्रों पर भी पड़ेगा।
आलम ने कहा कि यूपीए गठबंधन के उम्मीदवारों के प्रति लोगों में जोश रहेगा और यह निश्चित रूप से शेष 28 निर्वाचन क्षेत्रों में भी काम करेगा और परिणामोन्मुख होगा।आलम ने पत्र में अनुरोध करते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय से मेरा विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मुद्दे को अन्य गठबंधन पार्टी के अध्यक्ष के साथ पहले से ही उठाएं ताकि 2024 के लिए यूपीए के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाया जा सके।

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