सफलता की कहानी : डेयरी के काम ने बदली सहदेव की जिन्दगी, कमाये पैसों से खरीदी कार
रायगढ़ ।
डेयरी का काम शुरू करने से मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। पहले सिर्फ खेती का काम था। जिसमें 3-4 माह की मेहनत के बाद रुपये हाथ में आते थे। लेकिन डेयरी के काम में ऐसा नहीं है। दुध बेचने पर तुरंत पैसे आपके हाथ में आते है। इससे रोजमर्रा के जरूरतों की पूर्ति में आसानी के साथ बचत भी हो रही है। यह कहना है कि सारंगढ़ विकासखण्ड के दमदरहा के निवासी सहदेव पटेल का। जिन्होंने राज्य डेयरी योजना उद्यमिता विकास अंतर्गत वर्ष 2019-20 में डेयरी का काम शुरू किया। योजना से उन्हें 6 लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई।पटेल बताते है कि डेयरी के काम से उन्हें कृषि कार्य के अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिला है। वे घर से डेयरी संचालित कर रहे है जिससे वे घरवाले के साथ मिलकर ही सारा काम कर लेते है। उनके पास वर्तमान में उन्नत नस्ल की 15 दुधारू गाय है। जिनसे 80 से 90 लीटर तक दुध का उत्पादन रोजाना होता है। डेयरी से उन्हें महीने में लगभग 30-32 हजार रुपये की कमाई हो जाती है। इससे उन्होंने अपने लिये एक नई कार भी खरीद ली है साथ ही घर में जरूरत के अन्य सामान व संसाधन भी जुटाये है।
पटेल ने डेयरी इकाई के साथ ही कुक्कुट पालन एवं बतख पालन का कार्य भी किया जा रहा है। सहदेव पटेल के आवास के पीछे मनरेगा के तहत तालाब का खनन किया गया है। जिसमें उनके द्वारा बतख एवं मछली पालन का कार्य भी किया जा रहा है। इनके द्वारा स्वनिर्मित हैचिंग मशीन से कुक्कुट एवं बतख के अण्डों की हैचिंग का कार्य भी किया जाता है। इस प्रकार डेयरी इकाई के साथ ही सहदेव पटेल द्वारा कुक्कुट एवं बतख पालन से अतिरिक्त आय प्राप्त की जा रही है।